आतंकियों के साथ एक कार से पकड़े गए जम्मू-कश्मीर पुलिस के (निलंबित) डीएसपी देविंदर सिंह का मामला इस वक्त काफी चर्चा में है. इस मामले पर अब राजनीति भी तेज हो गई है.
देविंदर के मामले पर कांग्रेस-BJP आमने-सामने
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस मामले पर कहा, ‘‘पुलवामा हमले में हमारे 42 जवान शहीद हो गए. हमने कई बार सवाल किया कि आरडीएक्स कौन लेकर आया? कई बार पूछा कि हमले के लिए इस्तेमाल कार सेना के काफिले में कैसे आ गई? मोदी जी, अमित शाह जी और राजनाथ सिंह जी ने इसका जवाब नहीं दिया.’’
सुरजेवाला ने कहा,
‘‘अब सामने आया है कि यही देविंदर सिंह पुलवामा का डीएसपी था. क्या देविंदर सिंह एक मोहरा है या देविंदर सिंह ही षड्यंत्र का सूत्रधार है? इस सारे मामले की गंभीर और गहन जांच की जरूरत है.’’रणदीप सुरजेवाला, कांग्रेस
कांग्रेस नेता ने पूछा, ‘‘कहीं देविंदर सिंह के तार जम्मू-कश्मीर शासन या दिल्ली के शासन में ऐसे किसी व्यक्ति या समूह के साथ जुड़े हुए तो नहीं हैं जो भारत के खिलाफ साजिश कर रहे हैं?’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री गहन जांच कराकर बयान दें.’’
वहीं, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘’अगर देविंदर सिंह देविंदर खान होते तो RSS की ट्रोल रेजिमेंट ज्यादा कठोर और मुखर होती.’’
इस मामले पर BJP के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ''जम्मू-कश्मीर का एक DSP आतंकी गतिविधि में शामिल होने के कारण गिरफ्तार हुआ है. इस पूरे प्रकरण के बाद कांग्रेस ने वही किया है, जिसमें कांग्रेस निपुण है, सक्षम है, और वह है भारत पर हमला और पाकिस्तान को बचाने की साजिश.''
उन्होंने कहा, ''इस पूरी प्रक्रिया में कांग्रेस के अधीर रंजन ने आव देखा न ताव और मिनटों के अंदर धर्म ढूंढ लिया.''
पात्रा ने कहा,
‘’आतंकवाद पर धर्म की राजनीति करना कांग्रेस की संस्कृति है. सोनिया-राहुल से मैं पूछना चाहता हूं कि पुलवामा हमला किसने किया, इस पर आपके मन में शक है क्या? आप अगर मानते हैं कि पाकिस्तान ने पुलवामा हमला नहीं कराया तो किसने कराया, ये बात स्पष्ट रूप से कहें.’’संबित पात्रा, BJP
देविंदर सिंह के मामले में 10 बड़ी बातें
- घटनाक्रम की कड़ियां जोड़ते हुए अधिकारियों ने 13 जनवरी को बताया कि दो आतंकियों- हिज्बुल मुजाहिदीन के स्वयंभू जिला कमांडर नवीद बाबा और अल्ताफ- को इरफान नाम का एक वकील (जिसे पुलिस ने आतंकी समूहों का ओवरग्राउंड वर्कर बताया है) 10 जनवरी को अधिकारी के घर ले गया था. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इन तीनों को ही सिंह के साथ कार में पकड़ा गया था.
- पकड़े जाने के बाद शुरुआत में सिंह ने लगातार दावा किया कि वह ‘बड़े आतंकवादी’ को पकड़ने के लिए आतंकवादियों का विश्वास जीतने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उचित प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने की वजह से वह अपनी बात साबित नहीं कर सके.
- बताया जा रहा है कि सिंह 11 जनवरी को ड्यूटी पर मौजूद नहीं रहे. उसी दिन पुलिस की एक टीम ने उनको आतंकियों के साथ कुलगाम स्थित मीर बाजार से पकड़ा था.
- अधिकारियों के मुताबिक, सिंह ने 12 जनवरी से लेकर 16 जनवरी तक की छुट्टियों का अनुरोध किया था.
- पुलिस ने सिंह के घर पर तलाशी अभियान चलाया, जिसमें 2 पिस्टल और एक एके राइफल सहित भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुआ.
- डीएसपी देविंदर सिंह को 13 जनवरी को सस्पेंड कर दिया गया. अधिकारियों ने बताया कि सिंह का नाम एसपी के तौर पर प्रमोशन के लिए क्लियर हो गया था.
- अधिकारियों के मुताबिक इस मामले में सामने आया है कि सिंह ने अपने साथ पकड़े गए आतंकियों को अपने घर में पनाह दी थी.
- जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 14 जनवरी को कहा कि जो रिपोर्ट्स यह दावा कर रही हैं कि देविंदर सिंह को गृह मंत्रालय से गैलेंट्री मेडल मिला था, वो सही नहीं हैं. पुलिस ने बताया कि देविंदर सिंह को साल 2018 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पहले के जम्मू-कश्मीर राज्य ने गैलेंट्री मेडल दिया था.
- यह पहली बार नहीं है जब सिंह का नाम विवादों में घिरा है. इससे पहले संसद हमले के मामले में फांसी पर चढ़ाए गए अफजल गुरु ने 2013 की अपनी एक चिट्ठी में लिखा था कि सिंह ने ही उसे संसद हमले के सह आरोपी ‘‘मोहम्मद’’ को साथ लेकर ‘‘दिल्ली जाने और उसके लिए मकान किराए पर लेने और कार खरीदने को कहा था.’’ उस वक्त सिंह विशेष अभियान समूह में डीएसपी थे.
- अधिकारियों ने बताया कि उस वक्त सिंह पर लगे आरोपों को साबित करने के लिए पुख्ता सबूत नहीं मिले. मगर आतंकवादियों को लेकर जाते वक्त हुई उनकी गिरफ्तारी ने अफजल गुरु द्वारा लगाए गए आरोपों को फिर से जिंदा कर दिया है.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)