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पैंगोंग के पास बॉर्डर LAC के मुताबिक,कोई विस्तार नहीं: चीनी राजदूत

‘भारत के प्रति चीन की पॉलिसी में बदलाव नहीं’

Published
भारत
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भारत में चीन के राजदूत सुन वेइडोंग ने 30 जुलाई को कथित रूप से दावा किया कि चीन ने पैंगोंग झील के उत्तरी तरफ इलाके में कोई कब्जा नहीं किया है. वेइडोंग ने कहा कि 'पारंपरिक बाउंड्री लाइन LAC के मुताबिक ही है'. इंस्टिट्यूट ऑफ चाइनीज स्टडीज में एक वेबिनार के दौरान सुन वेइडोंग ने ये सब बातें कही हैं.

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‘China-India Relations: The Way Forward’ टॉपिक पर वेबिनार में बोलते हुए वेइडोंग ने कथित तौर पर दावा किया कि बातचीत के दौरान किसी भी पक्ष का LAC में 'खुद से बदलाव' करने पर विवाद होगा. वेइडोंग ने कहा कि 'ऐसा करना LAC तय करने के उद्देशय के खिलाफ जाना होगा.'

ट्विटर पर सुन वेइडोंग ने कहा, "चीन ने राष्ट्रीय सम्प्रभुता, सुरक्षा और डेवलपमेंट हितों की रक्षा की है और वो कभी भी आक्रामक नहीं रहा, और दूसरे देशों का नुकसान कर अपना विकास नहीं किया है."

'भारत के प्रति चीन की पॉलिसी में बदलाव नहीं'

अपने कई ट्वीट्स में सुन वेइडोंग ने कहा कि 'वो मूल ढांचा कि हम एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते हैं, इसमें बदलाव नहीं हुआ है.'

वेइडोंग ने ट्वीट किया, "मूल जजमेंट में कोई बदलाव नहीं हुआ; दो सबसे बड़े पड़ोसियों के तौर पर मूल राष्ट्रीय स्थितियों में कोई बदलाव नहीं हुआ; पार्टनर होने, दोनों देशों के बीच फ्रेंडली कोऑपरेशन और कॉमन डेवलपमेंट में कोई बदलाव नहीं हुआ."

वेइडोंग का कहना है कि दोनों देशों को अपने और अपने लोगों के ‘मूल हितों’ को ध्यान में रखते हुए फ्रेंडली कोऑपरेशन रखना चाहिए, जिससे कि द्विपक्षीय संबंध दोबारा सामान्य हो सकें. 

राजदूत ने साफ करना चाहा कि चीन शांतिपूर्ण विकास के लिए प्रतिबद्ध है और वो भारत के लिए 'रणनीतिक खतरा' नहीं है. उन्होंने कहा, "चीन नहीं बल्कि न दिखने वाला वायरस खतरा है. ये दूरदर्शिता नहीं होगी और नुकसानदायक भी होगा कि चीन और भारत के बीच लंबी शांतिपूर्ण साथ-साथ मौजूदगी को अस्थायी परेशानियों के लिए रणनीतिक खतरे का नाम दिया जाए."

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