ADVERTISEMENTREMOVE AD

आधुनिक शिक्षा उपयोगितावादी पहलू पर केंद्रित, चरित्र निर्माण में विफल- CJI रमना

"शिक्षा को आपके चरित्र को ऊंचा करना चाहिए और आपकी सोच को व्यापक बनाना चाहिए" - CJI Ramana

Published
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

भारत के चीफ जस्टिस एन वी रमना (CJI N V Ramana) ने सोमवार, 22 नवंबर को कहा कि आधुनिक शिक्षा प्रणाली केवल शिक्षा के उपयोगितावादी पहलू पर केंद्रित है और यह शिक्षा के नैतिक या आध्यात्मिक पहलू से निपटने में विफल है जो चरित्र का निर्माण करती है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

चीफ जस्टिस एन वी रमना ने यह बात आंध्र प्रदेश स्थित श्री सत्य साईं इंस्टीट्यूट फॉर हायर लर्निंग के 40वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कही.

"दुर्भाग्य से, आधुनिक शिक्षा प्रणाली केवल शिक्षा के 'उपयोगितावादी' पहलू पर ध्यान केंद्रित करती है. ऐसी प्रणाली शिक्षा के 'नैतिक' या 'आध्यात्मिक' पहलू से निपटने के लिए सुसज्जित नहीं है जो हमारे छात्रों के चरित्र का निर्माण करती है और उनमें सामाजिक चेतना और जिम्मेदारी की भावना विकसित करती है."
चीफ जस्टिस एन वी रमना

चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि "सच्ची शिक्षा वह है जो नैतिक मूल्यों और विनम्रता, अनुशासन, निस्वार्थता, करुणा, सहिष्णुता, क्षमा और आपसी सम्मान के गुणों को आत्मसात कराये. शिक्षा को आपके चरित्र को ऊंचा करना चाहिए और आपकी सोच को व्यापक बनाना चाहिए. जीवन की जटिलताओं का सामना करने पर यह आपको सही निर्णय लेने में सक्षम बनाता है."

0
"अक्सर शिक्षा का अर्थ अकादमिक सीख समझा जाता है. लेकिन 'वास्तव में शिक्षित' होने का अर्थ इससे कहीं अधिक है. सच्ची शिक्षा का परिणाम छात्र के जीवन में कहीं अधिक समग्र सकारात्मक परिवर्तन और उन्नति के रूप में होना चाहिए.”
चीफ जस्टिस एन वी रमना

श्री सत्य साईं इंस्टीट्यूट फॉर हायर लर्निंग की सराहना करते हुए चीफ जस्टिस एन वी रमना ने कहा कि वहां की शिक्षा ने छात्रों में नैतिक और नैतिक दोनों मूल्यों का विकास किया है

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×