ADVERTISEMENTREMOVE AD

कोविड की तीसरी लहर के लिए तैयार हैं दिल्ली के अस्पताल? क्विंट की ग्राउंड रिपोर्ट

क्विंट ने दिल्ली सरकार के कई अस्पतालों का दौरा किया और कोविड की तीसरी लहर की आशंका के बीच तैयारियों का जायजा लिया.

Published
भारत
6 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में कोविड की तीसरी लहर (COVID Third Wave) रोकना मुश्किल है. लेकिन क्या हमारे अस्पताल कोविड तीसरी लहर के लिए तैयार हैं? खासकर अगर ये दूसरी लहर की तरह भयावह हुई, जिसमें ऑक्सीजन की कमी (Oxygen Crisis) और लचर मेडिकल सिस्टम के कारण हजारों लोगों की जान चली गई थी?

क्विंट ने कोविड की तीसरी लहर की आशंका के बीच, उनकी तैयारियों की जांच के लिए दिल्ली के कुछ प्रमुख सरकारी अस्पतालों का दौरा किया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

हमारा ध्यान इस बात पर था कि क्या इन अस्पतालों में केंद्र और राज्य द्वारा वादा किए गए प्रेशर स्विंग एडसॉर्पशन (PSA) ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए थे. कोरोना वायरस की खतरनाक दूसरी लहर के दौरान, दिल्ली ऑक्सीजन सप्लाई के लिए केंद्र सरकार पर निर्भर था और इस दौरान ऑक्सीजन की भारी कमी देखी गई. लेकिन इन-हाउस PSA ऑक्सीजन प्लांट की मदद से इरादा दिल्ली के अस्पतालों को अपनी ऑक्सीजन खुद पैदा करने में सक्षम बनाने का था.

हमने पाया कि दिल्ली के ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में PSA ऑक्सीजन प्लांट लग चुके हैं या लगाने की प्रक्रिया में हैं. लेकिन हमने ये भी पाया कि संकट में इन प्लांट्स की क्षमता कम हो जाएगी. इसलिए लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) पर निर्भरता बनी रहेगी.

जिन अस्पतालों का दौरा किया गया, उनमें एक और बड़ी चिंता- अनुभवी मेडिकल स्टाफ की कमी निकलकर सामने आई.

0

राजा हरीश चंद्र अस्पताल - 4 PSA ऑक्सीजन प्लांट

हमारा पहला पड़ाव उत्तरी दिल्ली के नरेला में राजा हरीश चंद्र अस्पताल था. 200 बेड का ये अस्पताल दूसरी लहर के दौरान कोविड अस्पताल था. इसमें 930 LPM (लीटर प्रति मिनट) की कुल क्षमता वाले 4 PSA ऑक्सीजन प्लांट होने चाहिए थे. पीएम केयर्स फंड द्वारा फंडेंड एक प्लांट चालू है, मई 2021 में फ्रांस से मिला एक प्लांट भी चल रहा है. लेकिन दिल्ली सरकार की तरफ से फंड किए जाने वाले दो PSA ऑक्सीजन प्लांट अभी तक स्थापित नहीं किए गए हैं.

क्विंट ने दिल्ली सरकार के कई अस्पतालों का दौरा किया और कोविड की तीसरी लहर की आशंका के बीच तैयारियों का जायजा लिया.

(फोटो: क्विंट/पूनम अग्रवाल)

उत्तरी दिल्ली के नरेला में राजा हरीष चंद्र अस्पताल में 200 LPM PSA ऑक्सीजन प्लांट इंस्टॉल हो चुका है और काम कर रहा है

"हर ऑक्सीजन बेड को औसतन 10 लीटर ऑक्सीजन की सप्लाई की जरूरत होती है. इसलिए ये 4 PSA प्लांट 90 बेड को कवर करेंगे. हमारा 70 मीट्रिक टन LMO (लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन) प्लांट लगाने की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है, जो अस्पताल में बचे हुए बेड को ऑक्सीजन की आपूर्ति करेगी."
संजय कुमार जैन, मेडिकल सुप्रिटेंडेंट, राजा हरीश चंद्र अस्पताल
क्विंट ने दिल्ली सरकार के कई अस्पतालों का दौरा किया और कोविड की तीसरी लहर की आशंका के बीच तैयारियों का जायजा लिया.

(फोटो: क्विंट/पूनम अग्रवाल)

फ्रांस ने 330 LPM PSA ऑक्सीजन प्लांट भारत को दान किया गया. ये राजा हरीश चंद्र अस्पताल में स्थापित और चालू है

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मेडिकल सुप्रिटेंडेंट संजय कुमार जैन ने ये भी कहा कि अस्पताल 200 से 400 बेड जोड़ने की प्रक्रिया में है, लेकिन अनुभवी मेडिकल स्टाफ को काम पर रखना एक बड़ी चुनौती हो सकती है.

"हमने दिल्ली सरकार से कहा है कि मेडिकल स्टाफ मिलने पर ही हम बढ़ते बेड के साथ आगे बढ़ सकते हैं. सरकार ने हमें मेडिकल स्टाफ रखने के लिए कहा है, लेकिन अनुभवी मेडिकल स्टाफ की भारी कमी है."
संजय कुमार जैन, मेडिकल सुप्रिटेंडेंट, राजा हरीश चंद्र अस्पताल
ADVERTISEMENTREMOVE AD

"PSA ऑक्सीजन प्लांट की शुद्धता 93%"

क्विंट ने दिल्ली सरकार के कई अस्पतालों का दौरा किया और कोविड की तीसरी लहर की आशंका के बीच तैयारियों का जायजा लिया.

(फोटो: क्विंट/पूनम अग्रवाल)

राजा हरीश चंद्र अस्पताल में LMO प्लांट लगाने के लिए काम जारी है

PSA ऑक्सीजन प्लांट्स पर निर्भर अस्पतालों के सामने एक और चुनौती ऑक्सीजन की शुद्धता होगी. एक्सटर्स के मुताबिक, PSA ऑक्सीजन प्लांट्स की ऑक्सीजन शुद्धता केवल 93% है और वेंटिलेटर पर रोगियों के लिए ये सही नहीं है.

"हम आईसीयू बेड को बढ़ाकर 75 कर रहे हैं. हमारी योजना LMO प्लांट के माध्यम से 100% आईसीयू बेड को कवर करने की है. बाकी ऑक्सीजन बिस्तरों को PSA ऑक्सीजन प्लांट्स से कवर किया जा सकता है. वेंटिलेटर बेड पर मरीजों को 100% शुद्ध ऑक्सीजन की जरूरत होती है."
संजय कुमार जैन, मेडिकल सुप्रिटेंडेंट, राजा हरीश चंद्र अस्पताल
क्विंट ने दिल्ली सरकार के कई अस्पतालों का दौरा किया और कोविड की तीसरी लहर की आशंका के बीच तैयारियों का जायजा लिया.

(फोटो: क्विंट/पूनम अग्रवाल)

राजा हरीश चंद्र अस्पताल में फ्रांस से डोनेट हुए 330 LPM PSA ऑक्सीजन प्लांट को ऑपरेट करता एक टेक्नीशियन

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अस्पताल के एक वरिष्ठ कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर क्विंट को बताया कि चार प्लांट्स के बजाय एक 1000 LPM क्षमता वाला PSA ऑक्सीजन प्लांट ज्यादा लागत प्रभावी होता, क्योंकि इसे ऑपरेट करने के लिए कम तकनीशियनों की आवश्यकता होती.

जैन ने स्वीकार किया कि दूसरी लहर के दौरान उन्हें कई स्तरों पर समस्याओं का सामना करना पड़ा - ऑक्सीजन की कमी से लेकर मरीजों की ज्यादा संख्या तक. यहां तक कि ऑक्सीजन सिलेंडर वाले मरीजों को एक मंजिल से दूसरी मंजिल पर ले जाना भी ट्रॉली और स्टाफ की कमी के कारण मुश्किल था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

भगवान महावीर अस्पताल - PSA ऑक्सीजन प्लांट अभी लगाया जाना बाकी

हमारा अगला पड़ाव उत्तर-पश्चिम दिल्ली के पीतमपुरा में 321 बिस्तरों वाला भगवान महावीर अस्पताल था. अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक, प्रबंधन ने बिस्तरों की संख्या बढ़ाकर 744 करने की योजना बनाई है, लेकिन ये अभी तक साफ नहीं है कि कब तक होगा.

"सेकेंड वेव के दौरान, हमारा अस्पताल कोविड अस्पताल था. हमें ऑक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ा था, लेकिन किसी तरह हमने मैनेज कर लिया. हमें अपने ज्यादातर कोविड मरीज दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने पडे़ थे."
अल्का अग्रवाल, मेडिकल सुप्रिटेंडेंट, भगवान महावीर अस्पताल
क्विंट ने दिल्ली सरकार के कई अस्पतालों का दौरा किया और कोविड की तीसरी लहर की आशंका के बीच तैयारियों का जायजा लिया.

(फोटो: क्विंट/पूनम अग्रवाल)

भगवान महावीर अस्पताल में PSA ऑक्सीजन प्लांट की साइट, प्लांट अभी इंस्टॉल होना बाकी है

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अस्पताल को तीसरी लहर में कोविड अस्पताल घोषित किए जाने की संभावना है. भगवान महावीर अस्पताल के एक सीनियर डॉक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर क्विंट को बताया कि अस्पताल में 1000 क्षमता का PSA ऑक्सीजन प्लांट और LMO प्लांट लगाने की प्रक्रिया चल रही है.

"हमें उम्मीद है कि दिल्ली में तीसरी लहर आने से पहले PSA प्लांट लगा दिया जाएगा. हम अभी प्लांट की डिलीवरी का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन हमें यकीन नहीं है कि LMO प्लांट कब तक लगाया जाएगा."
भगवान महावीर अस्पताल के सीनियर डॉक्टर

डॉक्टर ने अस्पताल में स्टाफ की कमी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, "केवल ऑक्सीजन प्लांट ही काफी नहीं हैं, हमें उन्हें चलाने करने के लिए तकनीशियनों और डॉक्टरों की जरूरत है. डॉक्टर ने कहा कि PSA ऑक्सीजन प्लांट के अलावा, अस्पताल में ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा करने के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और ऑक्सीजन सिलेंडर भी हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

जगप्रवेश चंद्र अस्पताल - तीसरी लहर में कोविड अस्पताल होगा

क्विंट ने दिल्ली सरकार के कई अस्पतालों का दौरा किया और कोविड की तीसरी लहर की आशंका के बीच तैयारियों का जायजा लिया.

(फोटो: क्विंट/पूनम अग्रवाल)

जगप्रवेश चंद्र अस्पताल

भगवान महावीर अस्पताल से हम उत्तर पूर्वी दिल्ली के शास्त्री पार्क में जगप्रवेश चंद्र अस्पताल गए. अस्पताल के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ आदर्श कुमार ने हमसे फोन पर बात की. कुमार ने कहा कि सितंबर 2021 के आखिर तक 800 लीटर PSA ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने की संभावना है.

"हम दूसरी लहर में कोविड अस्पताल थे, लेकिन हमें बताया गया है कि हम तीसरी लहर में कोविड ​​अस्पताल बनने जा रहे हैं."
डॉ. आदर्श कुमार, मेडिकल सुप्रिटेंडेट, जगप्रवेश चंद्र अस्पताल
ADVERTISEMENTREMOVE AD

जगप्रवेश चंद्र अस्पताल 200 बेड का अस्पताल है. दिल्ली सरकार की योजना कोविड तीसरी लहर के दौरान 100 बेड को ऑक्सीजन बेड और 100 बेड को ICU बेड में बदलने की है.

कुमार ने कहा, "हमने लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं और जल्द ही हम वेंडर फाइनल करेंगे." दिल्ली सरकार ने 25% अतिरिक्त मेडिकल स्टाफ की भर्ती की अनुमति दी है, ताकि ये एक कोविड अस्पताल के रूप में काम कर सके. कुमार ने कहा कि अस्पताल जल्द ही और मेडिकल स्टाफ की भर्ती करेगा.

क्विंट ने दिल्ली सरकार के कई अस्पतालों का दौरा किया और कोविड की तीसरी लहर की आशंका के बीच तैयारियों का जायजा लिया.

(फोटो: क्विंट/पूनम अग्रवाल)

महर्षि वाल्मिकी अस्पताल

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दिल्ली सरकार के कुछ दूसरे अस्पताल, जिन्होंने PSA ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए हैं, वो हैं महर्षि बाल्मीकि अस्पताल, दीप चंद बंधु अस्पताल और राव तुला राम मेमोरियल अस्पताल. जहां डॉ हेडगेवार आरोग्य संस्थान इंस्टॉलेशन प्लांट को लेकर अभी भी अनिश्चित है.

हालांकि, दिल्ली सरकार ने PSA ऑक्सीजन प्लांट लगाए हैं, लेकिन LMO या लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन पर निर्भरता बनी रहेगी. और ये एक बड़ी चिंता है.

और दूसरा बड़ा सवाल - दिल्ली के सरकारी अस्पताल अनुभवी मेडिकल स्टाफ की भारी कमी से कैसे निपटेंगे, जिसे विजिट किए गए सभी अस्पतालों में स्वीकार किया गया था?

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×