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ऑक्सीजन कमी से बेहाल देश,दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में 20 मौत

अस्पताल ने 24 अप्रैल की सुबह कहा कि सिर्फ आधे घंटे की ऑक्सीजन बाकी रह गई है 

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भारत
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देश में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. पिछले 24 घंटों में 3.46 लाख से ज्यादा नए केस सामने आए हैं. ये महामारी शुरू होने के बाद से किसी भी देश में एक दिन में आए सबसे ज्यादा मामलों का रिकॉर्ड है. केस बढ़ने के साथ ही ऑक्सीजन की कमी हो रही है. देश के कई अस्पताल रोजाना ऑक्सीजन के लिए SOS भेज रहे हैं, तब जाकर उन्हें मदद मिल पा रही है. दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 20 मरीजों की मौत हो गई.

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ऑक्सीजन की कमी को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट केंद्र से कह चुका है कि किसी भी तरह इसका इंतजाम करना होगा. साथ ही गृह मंत्रालय ने भी ऑक्सीजन टैंकरों की आवाजाही को बिना किसी रोकटोक के होने देने का आदेश दिया है.

लेकिन जमीनी हालात ये हैं कि अस्पतालों में अभी भी ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत हो रही है, अस्पताल रोजाना ऑक्सीजन सप्लाई के लिए SOS भेज रहे हैं, अस्पतालों के प्रमुख सरकारों से अपील कर रहे हैं कि कुछ ही घंटों की ऑक्सीजन बची है और मरीजों की जान खतरे में है.  
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दिल्ली के अस्पतालों पर मौत का साया

दिल्ली के रोहिणी स्थित जयपुर गोल्डन अस्पताल में कम से कम 20 कोविड मरीजों की 23 अप्रैल की रात ऑक्सीजन की कमी से मौत हो गई. अस्पताल में ऑक्सीजन का प्रेशर कम था.

अस्पताल ने 24 अप्रैल की सुबह कहा कि उसके पास सिर्फ आधे घंटे की ऑक्सीजन बाकी रह गई है.  

इन मौतों के संबंध में अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ डीके बलूजा ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "ये मरीज बहुत गंभीर रूप से बीमार थे और मौतें क्रिटिकल केयर एरिया में हुई हैं." डॉ बलूजा का कहना है कि ऑक्सीजन प्रेशर कम था लेकिन इन सबकी मौत उसी दौरान नहीं हुई है.

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“ये सभी हाई प्रेशर ऑक्सीजन पर होते हैं तो ये वजह है. एक सामान्य मरीज इससे उबर सकता था लेकिन ज्यादा जरूरत वालों के लिए कमी हो गई.” 
डॉ डीके बलूजा

जयपुर गोल्डन अस्पताल इस हफ्ते में कई बार ऑक्सीजन की कमी की शिकायत कर चुका है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस समय अस्पताल में 215 कोविड मरीज मौजूद हैं.

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गंगाराम में 25 की मौत

23 अप्रैल को दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल ने बताया कि पिछले 24 घंटों में 25 सबसे बीमार मरीजों की मौत हो गई है. अस्पताल में इतनी मौतों के बाद ऑक्सीजन टैंकर पहुंचा.

अस्पताल के डायरेक्टर-मेडिकल ने 23 अप्रैल की सुबह कहा था कि ऑक्सीजन अगले दो घंटे की ही बची है. उन्होंने कहा कि वेंटीलेटर और बाइपेप भी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं.

न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि मौतों के लिए लो-प्रेशर ऑक्सीजन जिम्मेदार हो सकती है.

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SOS के बाद पहुंची ऑक्सीजन

दिल्ली के बत्रा अस्पताल को ऑक्सीजन के लिए SOS भेजने के बाद ही सप्लाई मिल पाई है. 24 अप्रैल को अस्पताल में दिल्ली सरकार ने इमरजेंसी सप्लाई मुहैया कराई. अस्पताल का स्टॉक खत्म हो चुका था और वो लंबे समय से गुहार लगा रहा था.

बत्रा अस्पताल के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुधांशु बंकटा ने कहा कि अस्पताल में ऑक्सीजन स्टॉक 24 अप्रैल की सुबह 9 बजे का आसपास खत्म हो गया. सुधांशु ने कहा, "दिल्ली सरकार से इमरजेंसी सप्लाई मिली है. ये डेढ़ घंटे चलेगी. हमारा सप्लायर फोन नहीं उठा रहा."

“हमें एक दिन में 8,000 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत होती है. हमें 12 घंटे हाथ जोड़ने के बाद 500 लीटर ऑक्सीजन मिली है, अगला 500 लीटर कब मिलेगा पता नहीं? अस्पताल में 350 मरीज हैं और 48 मरीज ICU में हैं.” 
डाॅ.एससीएल गुप्ता, बत्रा अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर
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कोई ट्विटर पर मदद मांग रहा, कोई मरीज नहीं ले रहा

दिल्ली के मूलचंद अस्पताल समूह ने 24 अप्रैल की सुबह 7 बजे ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर ट्विटर पर SOS भेजा था. अस्पताल ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी से लेकर दिल्ली सरकार से मदद मांगी थी.

अस्पताल ने कहा था कि उनके पास सिर्फ दो घंटे की ऑक्सीजन की बची है और कोई भी नोडल अधिकारी संज्ञान नहीं ले रहा है.

हालांकि, NDTV की खबर के मुताबिक मूलचंद अस्पताल की मेडिकल डायरेक्टर मधु हांडा ने बताया कि अधिकारियों ने जवाब दिया है लेकिन कई अस्पताल ऑक्सीजन की मांग कर रहे हैं तो वो प्राथमिकता तय करेंगे.

वहीं, सरोज अस्पताल ने मरीजों की भर्ती बंद कर दी है. अस्पताल के कोविड इंचार्ज का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से नए मरीज भर्ती नहीं किए जाएंगे और बाकी मरीजों को डिस्चार्ज किया जाएगा. 
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अमृतसर से लेकर ग्वालियर तक मौतें

अमृतसर के नीलकंठ अस्पताल में पांच मरीजों की मौत हो चुकी है. अस्पताल के एमडी का कहना है कि पिछले 48 घंटों से वो ऑक्सीजन की कमी का सामना कर रहे हैं. एमडी ने कहा, "प्रशासन कह रहा है कि सरकारी अस्पतालों से पहले निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन नहीं दी जाएगी."

वहीं, मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जयारोग्य अस्पताल में ऑक्सीजन कमी से तीन मरीजों की मौत हो गई है. मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि जूनियर डॉक्टरों ने प्रशासन को ऑक्सीजन की कमी के बारे में जानकारी दी थी, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया.

इसके अलावा खबरें हैं कि ग्वालियर के निजी अस्पतालों ने ऑक्सीजन की किल्लत की वजह से मरीजों को भर्ती करने से मना कर दिया है.

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