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पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया पूरी हुई: राजनाथ

रक्षा मंत्री ने कहा, “देश अपनी सीमा पर कोई एकतरफा कार्रवाई मंजूर नहीं करेगा”

Published
भारत
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पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन ने डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया पूरी कर ली है. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बात की जानकारी दी. सिंह ने कहा कि नौ दौर की राजनयिक और मिलिट्री स्तर की बातचीत के बाद डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया पूरी हो गई है.

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इसके अलावा राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर भी हमला बोला. सिंह ने 'भारतीय जवानों की बहादुरी पर शक' करने को लेकर कांग्रेस की आलोचना की.

तमिलनाडु के सालेम में भारतीय जनता युवा मोर्चा की कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री ने कहा, "देश अपनी सीमा पर कोई एकतरफा कार्रवाई मंजूर नहीं करेगा और ऐसी कोशिशों को रोकने के लिए कोई भी कीमत अदा करेगा."

“नौ दौर की राजनयिक और मिलिट्री स्तर की बातचीत के बाद डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया पूरी हो गई है. लेकिन दुर्भाग्य से कांग्रेस भारतीय सेना की बहादुरी पर शक कर रही है. क्या वो सबसे बड़ा बलिदान देने वाले सैनिकों का अपमान नहीं कर रही है.” 
राजनाथ सिंह

सिंह ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार देश की एकता, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के साथ कभी समझौता नहीं करेगी."

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16 घंटे चली भारत-चीन बातचीत

भारत और चीन के बीच 20 फरवरी को दसवें दौर की बातचीत शुरू हुई थी. डिसएंगेजमेंट पर ये बातचीत करीब 16 घंटे तक चली. NDTV के मुताबिक, बातचीत के दौरान डेसपांग, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा में डिसएंगेजमेंट एजेंडे पर रहा.

हालांकि, भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग लेक के दोनों तटों पर डिसएंगेजमेंट पूरा कर लिया है. लेकिन फिर भी कई और क्षेत्रों में ये प्रक्रिया अभी होनी बाकी है.  

दसवें दौर की बातचीत मोल्डो में हुई थी. ये LAC पर चीन की तरफ पैंगोंग के दक्षिणी तट पर चुशुल के करीब स्थित है.

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