ADVERTISEMENTREMOVE AD

मुजफ्फरनर महापंचायत में बीजेपी के खिलाफ फूटा किसानों का गुस्सा, ग्राउंड रिपोर्ट

आगामी यूपी और पंजाब विधानसभा चुनाव में किसान संगठनों के प्रभाव को देखते हुए 'किसान महापंचायत' अपने आप में खास है

Updated
भारत
2 min read
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

वीडियो एडिटर: कनिष्क दांगी

रिपोर्टर: ऐश्वर्या एस अय्यर

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने आज उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में विशाल ‘किसान महापंचायत’ (Kisan Mahapanchayat) आयोजित कर अपना शक्ति प्रदर्शन किया है. यहां इकठ्ठा हुए किसानों ने अपना इरादा साफ किया- या तो सरकार कानून वापस ले या आगामी राज्य चुनावों (खासकर उत्तर प्रदेश) में बीजेपी के खिलाफ ये किसान लामबंद होंगे .

0

महापंचायत के मद्देनजर योगी सरकार ने लॉ-एंड-आर्डर बनाए रखने के लिए लगभग 8,000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है. किसान महापंचायत का स्थान है मुजफ्फरनगर का ऐतिहासिक जीआईसी मैदान, जो प्रतिष्ठित किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत द्वारा पहले किसान बैठक का भी आयोजन स्थल था.

संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान संघों के अनुसार उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र के किसान महापंचायत में हिस्सा ले रहे हैं.

शामिल हो रहे किसानों का उत्साह और तेवर देखने जब क्विंट ग्राउंड जीरो पर पहुंचा तो एक बात साफ दिखी- आगामी यूपी और पंजाब विधानसभा चुनाव में किसान संघों के व्यापक प्रभाव के मद्देनजर यह 'किसान महापंचायत' अपने आप में खास है. नाराज किसान राज्य से बीजेपी सरकार को “उखाड़ फेकने” की बात कर रहे हैं.

“ जिनको बीजेपी आतंकवादी और मुट्ठी भर किसान बता रही,वो आकर यहां देख ले”

किसान संगठनों ने महापंचायत आयोजित कर बीजेपी सरकार के सामने अपना शक्ति प्रदर्शन किया है और दिखाना चाहती है कि किसानों की नाराजगी उसके लिए आगामी राज्य चुनावों में काफी महंगी पड़ सकती है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

महापंचायत में शामिल हो रहे 55 वर्षीय किसान पवन कुमार ने कहा क्विंट से बात करते हुए कहा कि

“चेतावनी दी है बीजेपी को,यह दिखाने के लिए कि आप जिन्हें आतंकवादी और मुट्ठी भर किसान बता रहे हैं उन्हें आप यहां आकर देख लो.. आगे भी हमारा धरना और प्रदर्शन यूं ही चलता रहेगा. आगे आने वाले चुनावों में इनका सफाया कर देंगे और उनकी कुर्सी खाली करा देंगे"

बीजेपी को यूपी से हटाने पर दे रहे जोर

कृषि कानूनों से नाराज किसानों ने बीजेपी सरकार को अपनी शक्ति दिखाने के लिए और अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए 2022 उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव को निशाना बनाते दिख रहे हैं.

महापंचायत में राकेश टिकैत से लेकर छोटे किसानों के जबान पर यह इरादा दिख रहा है. क्विंट से बात करते हुए एक किसान ने कहा

“या तो सरकार हमारी बात मानेगी या हम इसे आने वाले 2022 के चुनाव में जड़ से खत्म कर दें. जैसे हम किसानों के बदौलत 2013 के दंगों के बाद यह सत्ता में आयी थी, लेकिन आज हम संयुक्त मोर्चा के निर्णय के बाद संकल्प लेकर चलेंगे और इसे अंत तक खत्म कर देंगे"

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×