प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया. इस दौरान उन्होंने कहा, ‘’जल, थल, नभ, अंतरिक्ष भारत हर क्षेत्र में अपनी रक्षा के लिए अपनी सामर्थ्य के साथ खड़ा है. सर्जिकल स्ट्राइक हो या एयर स्ट्राइक, भारत की क्षमता को दुनिया ने देखा है.’’
राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर पीएम मोदी ने कहा, ‘’अनेक चुनौतियों के बीच राष्ट्रपति जी का इस दशक का प्रथम भाषण हुआ, लेकिन ये भी सही है जब पूरे विश्व पटल की तरफ देखते हैं, भारत के युवा मन को देखते हैं तो ऐसा लगता है कि आज भारत सच में एक अवसरों की भूमि है. अनेक अवसर हमारा इंतजार कर रहे हैं.’’
पीएम मोदी ने कहा है कि जो देश युवा हो, जो देश उत्साह से भरा हुआ हो, जो देश अनेक सपनों को लेकर संकल्प के साथ सिद्धि को प्राप्त करने के लिए प्रयासरत हो, वो देश इन अवसरों को कभी जाने नहीं दे सकता.
उन्होंने कोरोना वायरस महामारी का जिक्र करते हुए कहा,
- ''कोरोना की लड़ाई जीतने का यश किसी सरकार को नहीं जाता है, किसी व्यक्ति को नहीं जाता है, लेकिन हिंदुस्तान को तो जाता है. गर्व करने में क्या जाता है? विश्व के सामने आत्मविश्वास से बोलने में क्या जाता है?''
- ''भारत के लिए दुनिया ने बहुत आशंकाएं जताई थीं. विश्व बहुत चिंतित था कि अगर कोरोना की इस महामारी में भारत अपने आप को संभाल नहीं पाया तो न सिर्फ भारत पूरी मानव जाति के लिए इतना बड़ा संकट आ जाएगा.''
पीएम मोदी ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा, ''अच्छा होता कि राष्ट्रपति जी का भाषण सुनने के लिए सब होते तो लोकतंत्र की गरिमा और बढ़ जाती, लेकिन राष्ट्रपति जी के भाषण की ताकत इतनी थी कि न सुनने के बाद भी बात पहुंच गई.''
पीएम मोदी ने कहा कि इस कोरोना काल में भारत ने वैश्विक संबंधों में एक विशिष्ट स्थान बनाया है. उन्होंने कहा कि संकट के समय हम कैसे मिलकर काम कर सकते हैं, ये केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर दिखाया है.
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