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टूलकिट केस: दिशा रवि को 1 दिन की पुलिस कस्टडी, जमानत पर फैसला कल

दिल्ली पुलिस ने टूलकिट मामले में मांगी थी 5 दिन की कस्टडी

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भारत
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दिल्ली पुलिस ने सोमवार को 'टूलकिट' मामले में पांच दिनों के लिए क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि की हिरासत मांगी. लेकिन पटियाला हाउस कोर्ट ने पुलिस को सिर्फ 1 दिन की रिमांड दी है. दिशा की तीन दिन की न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद उसे कड़ी सुरक्षा के बीच पटियाला हाउस कोर्ट के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा के सामने पेश किया गया. कोर्ट ने कुछ देर तक फैसला सुरक्षित रखने के बाद दिशा रवि को 1 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया.

बता दें कि 23 फरवरी मंगलवार को दिशा रवि की जमानत याचिका पर भी फैसला सुनाया जाएगा.

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पुलिस ने क्यों मांगी है कस्टडी?

गौरतलब है कि दिशा रवि किसानों के आंदोलन से जुड़े 'टूलकिट' षड्यंत्र मामले में साजिश और देशद्रोह के आरोपों का सामना कर रही है और 13 फरवरी को उसे बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था. पिछली सुनवाई में पुलिस ने अदालत को बताया था कि सह-अभियुक्त शांतनु मुलुक के साथ उसका सामना कराने के लिए 22 फरवरी को उसकी हिरासत की आवश्यकता होगी.

इससे पहले मुलुक और एक अन्य आरोपी निकिता जैकब इस मामले की जांच में द्वारका स्थित दिल्ली पुलिस के साइबर सेल कार्यालय हाजिर हुए. उन्हें पिछले सप्ताह जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किया गया था.

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दिल्ली पुलिस ने टूलकिट को लेकर की कार्रवाई

बहरहाल, पुलिस ने कहा कि उनका आमना-सामना कराना जरूरी था, क्योंकि दिशा ने अपनी गिरफ्तारी के बाद पांच दिन की पुलिस हिरासत के दौरान सही उत्तर नहीं दिया और शांतनु एवं एक अन्य सह-आरोपी निकिता जैकब को दोषी ठहराया.

दिल्ली पुलिस ने दलील दी है कि स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने किसानों के विरोध का समर्थन करने के लिए गूगल डॉक्यूमेंट को ट्वीट किया और फिर इसे डिलीट कर दिया. इस डॉक्यूमेंट को दिशा रवि और दो अन्य कार्यकर्ताओं - जैकब और मुलुक ने तैयार किया था.

'टूलकिट' दिशा निर्देशों की एक श्रृंखला है जो बताता है कि किसी विशेष उद्देश्य को कैसे प्राप्त किया जा सकता है. टूलकिट विषयों की व्याख्या करने वाली कार्ययोजनाओं की रूपरेखा तैयार करता है और उन सुझावों की पेशकश करता है जिसे विशेष लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है.

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22 फरवरी को जमानत पर फैसला

दिशा रवि की जमानत अर्जी पर आदेश मंगलवार को सुनाया जाएगा. 20 फरवरी को जमानत के लिए तीन घंटे की सुनवाई के दौरान पुलिस ने कहा था कि यह 'टूलकिट' भारत को बदनाम करने और हिंसा भड़काने के उद्देश्य से की गई एक नापाक कोशिश थी.

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने अदालत से कहा कि अपनी संलिप्तता छिपाने के लिए पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन और सिख्स फॉर जस्टिस ने नापाक हरकतों को अंजाम देने के लिए दिशा रवि को एक मोर्चे के रूप में इस्तेमाल किया. ये संगठन खालिस्तानी आंदोलन से जुड़े हैं.

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