प्रयागराज के स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल के चार डॉक्टरों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. बता दें कि एक युवती ने इलाज के दौरान यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था है. प्रयागराज पुलिस ने मंगलवार को इस घटना के संबंध में एफआईआर दर्ज की. मंगलवार को पीड़िता की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गयी थी.
पुलिस ने बताया कि एफआईआर दर्ज करने में काफी समय लगा क्योंकि पीड़िता के भाई द्वारा 3 जून को दर्ज कराई गई शिकायत पर जांच चल रही थी. अस्पताल के अधिकारियों ने यौन उत्पीड़न से इनकार करते हुए कहा कि मामले में उनकी जांच में कुछ भी सामने नहीं आया. स्थानीय थाने में चार अज्ञात डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है. हालांकि इस मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.
प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने कहा कि इस मामले कि जांच की जाएगी और सभी आरोपों को देखा जाएगा. महिला का शव पोस्टमार्टम के बाद परिवार को सौंप दिया गया. पुलिस ने कहा कि पूछताछ के दौरान उसका बयान दर्ज नहीं किया जा सका, क्योंकि उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ था.
पीड़िता के बड़े भाई के मुताबिक, उसने 29 मई को उसकी आंत में गंभीर समस्या के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया था. दो दिन बाद उसका ऑपरेशन किया गया.
पीड़िता के भाई ने बताया,
“ऑपरेशन थिएटर से बाहर आने के बाद, मेरी बहन बोलने की स्थिति में नहीं थी, उसने मुझे कुछ लिखने के लिए एक कलम और कागज खोजने के लिए कहा, जब मैंने उन्हें दिया, तो उसने संकेत दिया कि चार डॉक्टरों ने उसके साथ कुछ गलत किया है, उसने हाथ के इशारे से कहा कि उसके साथ रेप हुआ है. मैंने उसका पत्र प्रसारित किया और मामला दर्ज करने के लिए जनता से मदद मांगी “
सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके लेटर के आधार पर 3 जून को कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी, उसने बताया कि “पुलिस ने मेरा बयान दर्ज किया लेकिन मेरी बहन के जीवित रहते हुए एफआईआर दर्ज नहीं की, मैंने कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन किसी ने भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया. मेरी बहन ग्रेजुएट थी और ऑपरेशन और रेप के बीच अंतर बता सकती थी, ”
पीड़िता के भाई ने बताया "मंगलवार को मेरी बहन की मौत के बाद आखिरकार मामला दर्ज कर लिया गया,"
एसआरएन मेडिकल हॉस्पिटल एंड कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एसपी सिंह ने कहा कि अस्पताल लाए जाने पर मरीज सदमे में थीं. उन्होंने कहा कि उस समय उसके स्वास्थ्य अच्छा नहीं था, डॉक्टरों ने एक ऑपरेशन किया और उसके बाद से ही वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर थी.
सिंह ने आगे कहा, “बलात्कार के आरोप के बारे में पता चलने पर, मैंने शिकायत की जांच की. प्रयागराज के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने भी मामले की जांच के आदेश दिए हैं. दोनों में से किसी भी पूछताछ में आरोप का कोई आधार नहीं मिला. आरोप पर की गई पैथोलॉजिकल और मेडिको लीगल पूछताछ में भी कुछ नहीं मिला, मुझे नहीं पता कि पुलिस ने अभी तक मामला दर्ज क्यों नहीं किया"
उन्होंने कहा कि पीड़िता का बयान कि ऑपरेशन थियेटर के अंदर उसके साथ कुछ गलत किया गया था, का मतलब यह नहीं है कि उसके साथ बलात्कार किया गया था.
सिटी कोतवाली थाने के थाना प्रभारी अंजनी सिंह ने बताया कि जांच के बाद अस्पताल के चार अज्ञात डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने जांच रिपोर्ट के नतीजे बताने से इनकार कर दिया.
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