दिल्ली में स्मॉग को लेकर एनजीटी ने एक बार फिर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है. दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ रहा है. एनजीटी ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा है कि आखिर बच्चों की सेहत के साथ क्यों खिलवाड़ किया जा रहा है. बच्चे स्कूल में मास्क पहनकर जाने को मजबूर हैं. बच्चों को संक्रमित फेफड़े गिफ्ट मत कीजिये.
वहीं ऑड-इवन पर एनजीटी ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा है कि आप टू व्हीलर को ऑड-इवन से बाहर रखना चाहते हैं, जब सबको पता है कि टू व्हीलर से प्रदूषण हो रहा है, तो फिर उन्हें ऑड-इवन से अलग क्यों रखा जाए.
एनजीटी ने दिल्ली सरकार से पूछा कि आपके हिसाब से हेल्थ इमरजेंसी क्या है. प्रदूषण बढ़ने के बाद आपको क्या करना चाहिए. दिल्ली सरकार ने अभी तक कोई कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया? आप लोग एक राज्य दूसरे राज्य पर प्रदूषण फैलाने का आरोप लगा रहा है. ऐसी सूरत में हालात सुधरने की उम्मीद हम कैसे करें.
महिलाओं के लिए विशेष बसें क्यों नहीं चलवाते?
सुनवाई के दौरान एनजीटी ने दिल्ली सरकार से पूछा कि क्यों नहीं आप आड-इवन लागू करने के दौरान महिलाओं के लिए विशेष बसें नहीं चलवाते, जिससे सारी समस्या दूर हो जाए. एनजीटी ने कहा कि जब रिपोर्ट बताती है कि चार पहिया वाहनों की तुलना में दोपहिया वाहन ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं, तो दिल्ली सरकार की ओर आड-इवन में छूट क्यों मांगी जा रही है. यह मजाक ही है.
दिल्ली सरकार लागू करने वाली थी ऑड-इवन
दिल्ली में बढ़े प्रदूषण के स्तर को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने ऑड-इवन लागू करने का फैसला लिया था. एनजीटी ने सरकार के इस फैसले को हरी झंडी तो दी थी, लेकिन कुछ शर्तों के साथ. इसके बाद केजरीवाल सरकार ने ऑड-ईवन लागू करने का अपना फैसला वापस ले लिया था.
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