2012 निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के चारों दोषियों को एक फरवरी को फांसी नहीं होगी. दिल्ली की एक अदालत ने अगले आदेश तक दोषियों की फांसी पर रोक लगा दी है.
निर्भया के तीनों दोषियों ने कोर्ट में एक फरवरी को उन्हें फांसी देने पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की थी. दोषी पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार के वकील ए पी सिंह ने अदालत से फांसी पर ‘अनिश्चितकालीन’ रोक लगाने का अनुरोध किया था.
तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा के सामने दायर स्थिति रिपोर्ट में इस याचिका का विरोध किया था. उन्होंने कहा कि एक दोषी की याचिका लंबित है और बाकी को फांसी दी जा सकती है. वहीं दोषियों के वकील ने इस दलील का विरोध करते हुए कहा कि जब एक दोषी की याचिका लंबित हो तो बाकी को फांसी नहीं दी जा सकती.
कोर्ट ने 30 जनवरी को जेल अधिकारियों को नोटिस जारी करके दोषियों की याचिका पर जवाब मांगा था.
बता दें कि निचली अदालत ने 17 जनवरी को निर्भया मामले के चारों दोषियों मुकेश (32), पवन (25), विनय (26) और अक्षय (31) को मौत की सजा देने के लिए दूसरी बार ब्लैक वारंट जारी किया था, जिसमें एक फरवरी को सुबह छह बजे तिहाड़ जेल में उन्हें फांसी देने का आदेश दिया गया. इससे पहले सात जनवरी को अदालत ने फांसी के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की थी.
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