राफेल डील पर PMO के खिलाफ रक्षा मंत्रालय की आपत्ति का जिक्र करने वाली एक रिपोर्ट सामने आने के बाद विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर हो गया है. विपक्ष के आरोपों के बीच रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में सरकार का पक्ष का सामने रखा है.
उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट को छापने वाले अखबार को उस समय के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का जवाब भी छापना चाहिए.
ये बोलीं रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण
निर्मला सीतारमण ने कहा कि अखबार की रिपोर्ट में जिस नोट का जिक्र का किया गया है, उसके जवाब में तत्कालीन रक्षा मंत्री ने कहा था, ''शांति रखो, चिंता की कोई बात नहीं है. सब कुछ ठीक चल रहा है.अब आप पहले के PMO में सोनिया गांधी की अगुवाई वाली NAC के दखल पर क्या कहोगे? वो क्या था? ''
रिपोर्ट में कही गई ये बात
अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' की रिपोर्ट के मुताबिक, ''राफेल डील पर फ्रांस सरकार के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO)की समानांतर सौदेबाजी का रक्षा मंत्रालय ने कड़ा विरोध किया था. रक्षा मंत्रालय का 24 नवंबर, 2015 एक नोट तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के संज्ञान में लाया गया था. इस नोट में साफ कहा गया था कि PMO के सामानांतर दखल से रक्षा मंत्रालय और समझौता करने वाली टीम की सौदेबाजी की स्थिति कमजोर हो गई थी.’’
तत्कालीन रक्षा सचिव ने कही ये बात
‘द हिंदू’ की रिपोर्ट आने के बाद राफेल समझौते के समय रक्षा सचिव रहे जी मोहन कुमार का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा है, ''उस नोट का कीमत से कोई लेना-देना नहीं था. वह सिर्फ सोवरेन गारंटी, सामान्य नियमों और शर्तों के बारे में था.''
रिपोर्ट सामने आने के बाद विपक्ष हमलावर
इस रिपोर्ट पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकसभा में कहा, ''हम संयुक्त संसदीय समिति की मांग करते हैं, उसके बाद हर चीज का खुलासा हो जाएगा. अब हमें कोई सफाई नहीं चाहिए. हम बहुत सफाई सुन चुके हैं.''
टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने इस मामले पर लोकसभा में कहा, ''मोदी-शाह की जोड़ी देश की रक्षा-रीढ़ को बर्बाद कर रही है.''
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