केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को ऐलान किया कि केंद्र सरकार जल्द ही गोदावरी और कावेरी नदियों को जोड़ने की बड़ी परियोजना शुरू करने जा रही है. इससे दक्षिण भारत के 4 राज्यों- तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के बीच का जल विवाद सुलझने की उम्मीद है.
आंध्र प्रदेश के अमरावती में एक बैठक को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि करीब 60,000 करोड़ रुपए के अनुमानित लागत वाले इस प्रोजेक्ट का मकसद गोदावरी नदी के पानी का सही इस्तेमाल करना है, जो अभी बहकर समुद्र में चला जाता है.
‘‘गोदावरी-कृष्णा-पेन्नार-कावेरी नदियों को जोड़ने वाले प्रोजेक्ट की डिटेल में रिपोर्ट तैयार है. हम जल्द ही मंजूरी के लिए इसे कैबिनेट के सामने पेश करेंगे. इसके बाद हम प्रोजेक्ट के लिए पैसों का इंतजाम वर्ल्ड बैंक या एशियाई विकास बैंक से करेंगे, क्योंकि परियोजना पर 50,000 करोड़ रुपए से लेकर 60,000 करोड़ रुपए तक की लागत आ सकती है.’’नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री जल संसाधन मंत्री
देश के दक्षिणी छोर तक पहुंचेगा पानी
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के लागू होने के बाद गोदावरी का पानी तमिलनाडु के सबसे अंतिम छोर तक ले जाया जा सकेगा.
गडकरी ने कहा, ‘‘हर साल गोदावरी नदी का करीब लाखों लीटर पानी बर्बाद होकर बंगाल की खाड़ी में चला जाता है, जबकि तमिलनाडु और कर्नाटक में विवाद चल रहा है, इसलिए हमने गोदावरी नदी का पानी तमिलनाडु तक ले जाने का फैसला किया है. इससे चार राज्यों के बीच हर तरह के जल विवाद सुलझ जाएंगे.’’
विदेशी तकनीक पर आधारित प्रोजेक्ट
नितिन गडकरी ने बताया कि गोदावरी और कावेरी नदियों को जोड़ने के लिए स्टील की पाइप इस्तेमाल करने की विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. अमेरिका में रहने वाले आंध्र प्रदेश के इंजीनियर ने इस तकनीक का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है.
केंद्रीय मंत्री ने दोहराया कि केंद्र सरकार पोलवरम प्रोजेक्ट पर आने वाली 100 फीसदी लागत खर्च करेगी. इस प्रोजेक्ट से कई तरह के फायदे होंगे.
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