उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने हाल ही में सहारनपुर जिले से शाहनवाज अहमद और आकिब अहमद मलिक नाम के दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया था. राज्य पुलिस ने दावा किया था कि ये दोनों, आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हुए हैं. हालांकि, गिरफ्तार किए गए संदिग्धों के परिवारों और दक्षिण कश्मीर पुलिस ने शुक्रवार को यूपी पुलिस के दावे की पुष्टि नहीं की.
दोनों संदिग्धों के परिवारों और उनके पड़ोसियों का कहना है कि ये दोनों देवबंद में 2016-17 से मौलवी कोर्स की पढ़ाई कर रहे थे. शाहनवाज की मां ने कहा, ‘’मेरे बेटे ने 2010 में ग्रैजुएशन पूरी की थी. इसके बाद उसने सोपोर स्थित दारुल उलूम में दाखिला ले लिया. वह काफी धार्मिक है. उसकी इच्छा देवबंद में मौलवी और मुफ्ती का कोर्स पूरा करने की है.’’
शाहनवाज ने पिता ने कहा, ‘’आप कश्मीर के किसी भी पुलिस स्टेशन में जाइए. आपको कहीं भी मेरे बेटे का नाम नहीं मिलेगा. उसका अपराध यह है कि वह धार्मिक है.’’
आकिब के परिवार ने कही ये बात
आकिब के परिवार ने भी उसे निर्दोष बताते हुए कहा कि उसका मिलिटेंसी से कोई लिंक नहीं रहा है. उसके परिवार के एक सदस्य ने कहा, ''हम उस वक्त चौंक गए, जब यूपी के डीजीपी ने हमारे बेटे पर जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकी का लेबल लगा दिया. हम यूपी पुलिस से अपील करते हैं कि वह किसी निर्दोष युवा को आतंकी का टैग देने से पहले मामले की जांच करे.''
आकिब के पड़ोसियों ने कहा, ''ना तो उसका (आकिब) और ना ही इस गांव के किसी युवा का कभी भी मिलिटेंट या पत्थरबाजों से कोई संबंध रहा है.''
इस मामले पर शुक्रवार को डीजी जम्मू-कश्मीर पुलिस दिलबाग सिंह ने किसी भी फोन कॉल का जवाब नहीं दिया. जबकि एडिशनल डीजी सिक्योरिटी एंड लॉ एंड ऑर्डर मुनीर खान ने द क्विंट से कहा कि वह अभी भी दोनों संदिग्धों और उनके परिवारों के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं.
(अहमद अली फय्याज श्रीनगर, कश्मीर में एक पत्रकार हैं.)
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