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ओडिशा: पिछले 10 वर्षों में जेलों में 546 कैदियों और विचाराधीन कैदियों की मौत हुई

साल 2013 में जहां 11 कैदियों और 35 विचाराधीन कैदियों की मौत दर्ज की गई.

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जूनियर गृह मंत्री तुषारकांति बेहरा ने सोमवार को राज्य विधानसभा को बताया कि पिछले 10 वर्षों में ओडिशा (Odisha) की विभिन्न जेलों में कम से कम 546 कैदियों और विचाराधीन कैदियों की मौत हुई है।

बीजद सांसद सौम्य रंजन पटनायक के एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री बेहरा ने कहा कि 2013 से 2022 के दौरान राज्य की विभिन्न जेलों में 200 कैदियों और 346 विचाराधीन कैदियों की मौत की सूचना मिली है।

साल 2013 में जहां 11 कैदियों और 35 विचाराधीन कैदियों की मौत दर्ज की गई, वहीं 2022 में यह आंकड़ा 24 और 49 तक पहुंच गया।

गृह राज्य मंत्री के बयान के अनुसार, 2014 में विचाराधीन कैदियों सहित 43 कैदियों की मौत हुई, 2015 में 46, 2016 में 48, 2017 में 47, 2018 में 51, 2019 में 53, 2020 में 78 और 2021 में 61 कैदियों की मौत हुई। उपरोक्त मौतों के अलावा, पिछले 10 वर्षों के दौरान राज्य में हिरासत में मौत के 51 मामले भी सामने आए।

गौरतलब है कि पिछले महीने राज्य कैबिनेट ने राज्य की जेलों के अंदर मरने वाले कैदियों के परिजनों को मुआवजा देने का फैसला किया था।

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