महंगे प्याज के बाद अब सस्ते प्याज का दौर आने वाला है. लेकिन किसानों के लिए ये आफत का दौर होगा. सबसे ज्यादा प्याज पैदा करने वाले राज्य महाराष्ट्र की थोक मंडियों में पिछले कुछ दिनों में इसके दाम तेजी से गिरे हैं. प्याज की नई फसल के आने बाद इसके दाम में भारी गिरावट के आसार हैं. किसानों को आशंका है कि उन्हें अब औने-पौने दाम पर प्याज बेचना पड़ सकता है.
एक महीने में प्याज के दाम में तेज गिरावट
नई फसल आने के बाद प्याज के दाम गिरने की आशंका को देखते हुए इसके निर्यात पर पाबंदी हटाने की मांग तेज हो गई है.
सोमवार को महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी में प्याज का भाव 2300 रुपये प्रति क्विंटल था. जबकि एक जनवरी तक प्याज 3801 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था. मंडी वालों का कहना है कि यहां फिलहाल हर दिन 20 हजार क्विंटल प्याज आ रहा है. अगले कुछ दिनों में मंडी में और अधिक प्याज आएगा.
प्याज की बढ़ती कीमतों की वजह से सरकार ने 30 सितंबर को प्याज का निर्यात रोक दिया था. कीमतों को कम करने के लिए प्याज के आयात की इजाजत दे दी गई थी.
बाढ़ में फसल बरबाद होने से बढ़े प्याज के दाम
प्याज के दाम बढ़ाने में देश के कई हिस्सों में सूखा और कुछ हिस्सों में बाढ़ का रोल रहा. मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में भारी बारिश की वजह से बड़े पैमाने पर प्याज फसल बरबाद हुई. जिससे देश के कई हिस्सों में प्याज के दाम 100 रुपये से लेकर 150 रुपये और कहीं-कहीं 200 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए.
लेकिन अब पिछले कुछ दिनों से लेट खरीफ (सितंबर-अक्टूबर में लगाया जाने वाला प्याज) की फसल के मंडी में पहुंचने के बाद इसके दाम में तेज गिरावट देखने को मिल रही है. नए प्याज की क्वालिटी भी अच्छी है. प्याज के दाम में तेज गिरावट के बाद किसानों और व्यापारियों को नुकसान की आशंका सता रही है. यही वजह है कि अब निर्यात पर पाबंदी हटाने की मांग भी तेज होने वाली है.
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