भारतीय रेलवे में लोकोमोटिव पायलट पोस्ट के लिए वेकैंसी निकली है. रेलवे की इन 90 हजार नौकरियों के लिए तीन करोड़ लोगों ने आवेदन किया है. यानी कि 1 पोस्ट के लिए 333 कैंडिडेट. लेकिन कहानी सिर्फ इतनी सी ही नहीं है, दसवीं पास योग्यता वाली इस नौकरी के लिए बीए, बीटेक, बीकॉम, यहां तक कि एमएससी पास लोगों ने भी आवेदन किया है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि पढ़े लिखे बेरोजगार सरकारी नौकरी की चाहत रखते हैं.
ऐसे ही आवेदकों में से एक हैं, 27 साल के विकास मौर्या, जो लखनऊ के बाबू बनारसी दास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट से बीटेक ग्रेजुएट हैं. विकास साल 2013 से नौकरी की तलाश कर रहे हैं और ये दौर उनके लिए काफी तनाव भरा रहा है.
लोको पायलट जॉब के लिए बीटेक पास अभ्यर्थियों के आए आवेदन
इसी साल फरवरी महीने में जब रेलवे ने 90 हजार नौकरियां निकाली थीं, तो विकास को उम्मीद थी कि अब उन्हें नौकरी मिल जाएगी. लेकिन 90 हजार नौकरियों के लिए तीन करोड़ से ज्यादा आवेदकों ने आवेदन कर दिया है. इनमें हाईस्कूल और आइटीआई की निर्धारित योग्यता वाले आवेदकों के बजाय बीएसएसी, एमएससी, बीटेक, एमटेक और पीएचडी डिग्रीधारी आवेदकों की संख्या ज्यादा हैं. इतनी बड़ी संख्या में आए आवेदनों का मूल्यांकन करने में भर्ती बोर्ड को पसीने आ रहे हैं. यही वजह है कि पांच महीने बीत जाने के बावजूद रेलवे भर्ती बोर्ड अब तक परीक्षा की तारीख को लेकर कोई ऐलान नहीं कर सका है.
मैं 2013 से प्रतियोगात्मक परीक्षाओं की तैयारी कर रहा हूं. फरवरी महीने में रेलवे की वेकैंसी आईं थी, इस हिसाब से जून महीने में एडमिट कार्ड आ जाने चाहिए थे, ताकि परीक्षा की तारीख को लेकर स्थिति स्पष्ट हो जाती.विकास मौर्या, बीटेक, लोको पायलट नौकरी के आवेदक
विकास उन 3 करोड़ लोगों में से एक हैं, जिन्होंने ग्रुप डी और असिस्टेंट लोको पायलट और टेक्नीशियन पदों के लिए निकली 90,000 नौकरियों के लिए आवेदन किया है.
इन नौकरियों के लिए आवश्यक योग्यता 10वीं पास है. नौकरी के लिए औसत वेतन 20,000 रुपये है.
विकास को डर है कि भर्ती की पूरी प्रक्रिया एक साल में भी पूरी हो पाएगी.
रेलवे की पूरी भर्ती प्रक्रिया में कई चरण होते हैं, जिनमें लिखित परीक्षा, साक्षात्कार और दस्तावेजों का सत्यापन शामिल है. सभी आवेदकों को इस पूरी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. पिछले रिकॉर्ड बताते हैं कि रेलवे भर्ती बोर्ड को ज्वॉइनिंग की प्रक्रिया पूरी कराने में तीन साल तक का समय लगा है.विकास मौर्या
आवेदन करने वालों में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट भी
इस नौकरी के लिए न केवल पेशेवर डिग्री वाले लोगों ने बल्कि ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट लोगों ने भी आवेदन किया है जोकि फिलहाल बेरोजगार हैं. परीक्षा की तारीख घोषित न किए जाने के चलते इन अभ्यर्थियों में भी भारी निराशा है.
तरुण को दिल्ली के मुखर्जी नगर आए छह महीने का वक्त बीत चुका है. मुखर्जी नगर सिविल सर्विस की तैयारी करने वालों का हब है. तरुण को डर है कि कहीं रेलवे की ओर से जारी की गई परीक्षा की तारीख, किसी दूसरी नौकरी की परीक्षा की तिथि के आसपास ही न हो.
मैंने एसएससी सीजीएल और वीडीओ के लिए भी आवेदन किया है. अब रेलवे में तो बहुत सारे लोगों ने आवेदन किया है, तो मुझे फिक्र इस बात की है कि वह पूरी भर्ती प्रक्रिया का प्रबंधन कैसे करेंगे.तरुण मिश्रा, एमएससी
तरुण, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के रहने वाले हैं. वह एमएससी पास हैं और फिलहाल नौकरी ढूंढ़ रहे हैं. जब तरुण से पूछा गया कि एमएससी पास होने के बावजूद उन्होंने दसवीं पास नौकरी के लिए आवेदन क्यों किया? इस पर तरूण ने कहा-
सरकारी नौकरी कैसी भी हो, अच्छी ही होती है. मुझे नहीं पता कि रेलवे में मुझे क्या प्रोफाइल मिलेगा, लेकिन मेरे लिए सरकारी नौकरी ही काफी है. इससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ेगा.तरुण मिश्रा
परीक्षा की तारीख को लेकर अभी कुछ भी तय नहीं
रेलवे में ग्रुप सी और डी के पदों की भर्ती देशभर में फैले 21 क्षेत्रीय भर्ती बोर्डों के जरिए होती है. ग्रुप डी की भर्ती प्रक्रिया के तहत पहले आवेदनों का मूल्यांकन किया जाता है उसके बाद उपयुक्त पाए गए आवेदकों को दो चरणों में परीक्षा के लिए बुलाया जाता है. पहला चरण लिखित परीक्षा का होता है, जबकि दूसरे चरण में शारीरिक फिटनेस का आकलन किया जाता है.
लेकिन बड़ी संख्या में आवेदन किए जाने की वजह से भर्ती बोर्डों के मूल्यांकन के चरण में ही पसीने छूट रहे हैं. ऐसे में इनकी परीक्षाएं कब और किस तरह होंगी, यह सवाल सभी को परेशान कर रहा है. पहले मई तक परीक्षाओं के आयोजन और जुलाई तक परिणाम घोषित करने की योजना थी. लेकिन, भर्ती बोर्ड ऐसा करने में नाकाम रहा है.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)