कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कोरोनावायरस के खतरे के बीच देश में मौजूदा 21 दिन के लॉकडाउन को लेकर एक बयान जारी किया है. इस बयान में चिंदबरम ने कहा है, ''हमें मौजूदा राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को एक नई लड़ाई की शुरुआत के तौर पर देखना चाहिए, जिसमें लोग पैदल सैनिक हैं और पीएम कमांडर हैं.''
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इसके साथ ही चिदंबरम ने लॉकडाउन के दौरान गरीबों और जरूरतमंदों के हाथों में जल्दी से कैश और खाना पहुंचाने के इरादे से सरकार को 10 सूत्रीय योजना का भी सुझाव दिया है.
चिदंबरम ने सुझाया ये प्लान
- पीएम किसान योजना के तहत पेड/पेएबल राशि को दोगुना (12000 रुपये) किया जाए और हर लाभार्थी के बैंक अकाउंट में अतिरिक्त राशि को तुरंत ट्रांसफर किया जाए
- पीएम किसान योजना के अंदर पट्टेधारी किसानों को भी लाया जाए. राज्य सरकारों से लिस्ट ली जाए और हर पट्टेधारी किसान के बैंक अकाउंट में 6000+6000 रुपये (दो किश्तों में) ट्रांसफर किए जाएं
- रजिस्टर्ड MGNREGA वर्कर्स की लिस्ट ली जाएं और हर लाभार्थी के बैंक अकाउंट में 3000 रुपये की राशि ट्रांसफर की जाए
- शहरी गरीबों के लिए, बैंकों की शहरी ब्रांचों से जन धन अकाउंट्स की जानकारी ली जाए और हर लाभार्थी के अकाउंट में 6000 रुपये जमा किए जाएं. (जन धन अकाउंट्स की पहचान करते वक्त उन 'जीरो बैलेंस अकाउंट्स' को शामिल करना न भूलें जो जन धन योजना के लॉन्च होने से पहले खोले गए थे.)
- अगले 21 दिन में एक बार, राशन की दुकानों के जरिए हर राशन कार्ड धारक को 10 किलो चावल या गेहूं बिल्कुल मुफ्त दिया जाए. होम डिलीवरी की भी व्यवस्था की जाए.
- रजिस्टर्ड एप्लॉयर्स (किसी भी कानून के तहत रजिस्टर्ड) से नौकरियों और वेजेज के मौजूदा स्तर को बरकरार रखने के लिए कहा जाए. ऐसे एप्लॉयर्स को गारंटी दी जाए कि भुगतान के 30 दिनों के अंदर कर्मचारियों के वेजेज की भरपाई सरकार की तरफ से कर दी जाएगी
- हर वॉर्ड या ब्लॉक स्तर में एक रजिस्टर खोला जाए और उसमें अपना नाम, पता और आधार नंबर दर्ज कराने के लिए ऐसे लोगों को आमंत्रित किया जाए, जिनको ऊपर दी गई किसी भी कैटिगरी के तहत भुगतान ना किया गया हो. इस कैटिगरी में सड़कों पर रहने वाले और अभावग्रस्त लोग आएंगे. न्यूनतम वेरिफिकेशन के बाद हर नाम पर एक बैंक अकाउंट खोला जाए (अगर पहले से नहीं है), इसे आधार के साथ जोड़ा जाए और हर बैंक अकाउंट में 3-3 हजार रुपये ट्रांसफर किए जाएं
- किसी भी तरह के टैक्स के भुगतान के लिए आखिरी तारीख को 30 जून 2020 तक बढ़ाया जाए. अंतरिम तौर पर, बैंकों को पंचायतों, नगर पालिकाओं और कॉरपोरेशन्स को टैक्स रिसीवेबल्स की सिक्योरिटी पर ब्याज देने के लिए निर्देश दिया जा सकता है
- बैंकों को निर्देश दिया जाए कि वो किसी भी तरह की EMI के भुगतान की तारीख को 30 जून 2020 तक बढ़ा दें
- 1 अप्रैल से 30 जून 2020 की अवधि के लिए, सभी जरूरी सामानों और सेवाओं, मास कन्जम्प्शन वाले सामानों पर जीएसटी दरों में 5 फीसदी की कटौती की जाए
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टॉपिक: नरेंद्र मोदी पी चिदंबरम कोरोनावायरस
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