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पाक महिला के हनी ट्रैप में फंसा सेना का जवान,गोपनीय सूचनाएं लीक करने का आरोप

Pakistan Female Agent: पूछताछ में सामने आया है कि जवान 2018 से महिला के सम्पर्क में था.

Published
भारत
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भारतीय सेना (Indian Army) के एक जवान के पाकिस्तानी महिला के हनी ट्रैप में फंसने का मामला सामने आया है. भारतीय सेना के शांतिमोय राणा (24) नाम का जवान पश्चिम बंगाल के कंचनपुर गांव का निवासी बताया जा रहा है. आरोपी को 25 जुलाई को सीआईडी इंटेलिजेंस जयपुर की टीम ने गिरफ्तार किया है. आरोपी जवान सोशल मीडिया (Social Media) के माध्यम से महिला एजेंट को सेना के सामरिक महत्व की सूचनाएं शेयर कर रहा था.

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पूछताछ में सामने आया है कि जवान 2018 से महिला के संपर्क में था और उसे सूचनाओं के बदले पाकिस्तान से रुपया भी भेजा गया है.

डीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने बताया कि पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसियों द्वारा राजस्थान में की जा रही जासूसी गतिविधियों पर ऑपरेशन सरहद के तहत सीआईडी इंटेलिजेंस द्वारा लगातार निगरानी रखी जाती है. इसी निगरानी के दौरान जानकारी में आया कि सेना का जवान शांतिमोय राणा सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया हैंडलर्स के निरंतर संपर्क में है.

इंटेलिजेंट जयपुर की टीम द्वारा जवान की गतिविधियों पर निगरानी रखी गई तो, पाया कि वह हनीट्रैप और पैसों के प्रलोभन में आकर सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तानी महिला एजेंट को सेना की सामरिक महत्व की सूचनाएं शेयर कर रहा था.

एजेंसियों द्वारा पूछताछ की गई. पूछताछ में आरोपी जवान ने बताया कि वह साल 2018 से भारतीय सेना में है. काफी समय से व्हाट्सएप चैट व्हाट्सएप ऑडियो और वीडियो कॉलिंग से महिला एजेंट के संपर्क में हैं.

गुरनुर कौर उर्फ अंकिता छद्म नाम की महिला ने खुद को शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) निवासी बताया था. महिला ने जवान को बताया था कि वह मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस में काम करती है. एक अन्य छद्म नाम निशा ने मिलिट्री नर्सिंग सर्विस का होना बता जवान को हनी ट्रैप और पैसों का लोभ देकर सेना से संबंधित गोपनीय दस्तावेज के फोटोग्राफ और युद्ध अभ्यास के वीडियो मांगे.
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प्रलोभन में आकर आरोपी जवान अपनी रेजिमेंट के गोपनीय दस्तावेज और युद्धाभ्यास के वीडियो सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी महिला एजेंट को भेज रहा था.

इसके बदले में महिला एजेंट की तरफ से उसके बैंक अकाउंट में पैसे भेजे जा रहे थे.

डीजी उमेश मिश्रा ने बताया कि आरोपी से पूछताछ और मोबाइल फोन की तकनीकी विश्लेषण में तथ्यों की पुष्टि होने पर आरोपी के विरुद्ध शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है.

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