पठानकोट आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तानी आंतकी संगठन जैश ए मोहम्मद का हाथ होने के दावे को पाकिस्तान ने झुठला दिया है. पठानकोट हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठन का नाम आने के और भारत की ओर से दवाब पड़ने के बाद पाकिस्तान की जांच टीम ने दावा किया है कि पठानकोट एयरबेस पर हमले में जैश-ए-मोहम्मद का हाथ नहीं था.
पाकिस्तानी जांच टीम का कहना है कि “ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि हमले के पीछे जैश का हाथ है. हालांकि भारत की ओर से लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं कि हमले का मास्टरमाइंड आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का चीफ मौलाना मसूद अजहर है.”
एक टीवी चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के इस जवाब पर फिलहाल भारत की तरफ कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. गौरतलब है कि भारत, पाकिस्तान को हमले में जैश के आतंकियों के शामिल होने को लेकर सबूत दे चुका है.
जबकि पाकिस्तान के ताजा रवैये से साफ जाहिर है कि वह मौलाना मसूद अजहर पर कार्रवाई करने के मूड में नहीं है. भारतीय जांच एजेंसियों का दावा है कि पठानकोट एयरबेस में घुसने वाले 6 आतंकियों को मौलाना मसूद अजहर ने भेजा था.
भारत की ओर से सौंपे गए फोन रिकॉर्ड की पाकिस्तान ने नहीं की जांच
भारत ने पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले को लेकर पाकिस्तान को जो सबूत सौंपे हैं, उनमें पठानकोट में घुसे आतंकियों के फोन रिकॉर्ड भी शामिल हैं. हालांकि, पाकिस्तान ने कहा है कि फिलहाल उन्होंने फोन रिकॉर्ड समेत कुछ सबूतों की जांच अभी तक नहीं की है.
पठानकोट हमले में शहीद हुए थे 7 जवान
साल की शुरुआत में ही 2 जनवरी को तड़के 3:30 बजे हुए इस आतंकी हमले में 7 सैनिक शहीद हो गए थे. पाकिस्तान ने हमले के तुरंत बाद इसमें अपने लोगों के शामिल होने से इनकार कर दिया था. हमले के बाद पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ ने पीएम नरेंद्र मोदी को फोन कर हमले की जांच में सहयोग का वादा किया था.
शरीफ ने मामले की जांच के लिए एक उच्च सदस्यीय जांच टीम भी बनाई है. इसमें सेना समेत कई उच्च सरकारी अफसर शामिल हैं. यह टीम भारत की तरफ से दिए गए सबूतों के आधार पर मामले की जांच कर रही है.
आतंकियों की संख्या को लेकर संशय बरकरार
पठानकोट हमले में आतंकियों की संख्या के बारे में उठ रहे सवालों को लेकर एनआईए चीफ शरद कुमार एक बार फिर पठानकोट एयरबेस का दौरा कर सकते हैं. शरद कुमार विशेषज्ञों की टीम के साथ उन सबूतों की जांच करेंगे, जो एयरबेस पर हमले के बाद इकट्ठा किए गए हैं.
तीन जनवरी को गृह सचिव राजीव महर्षि और एयर मार्शल अनिल खोसला ने कहा था कि चार आतंकियों के एयरबेस में घुसने के पहले ही दो आतंकी एयरबेस में दाखिल हो चुके थे.
गुरदासपुर के पूर्व एसपी सलविंदर सिंह ने भी जांच एजेंसियों को आतंकियों की संख्या चार ही बताई थी. सलविंदर सिंह को कथित तौर पर आतंकियों ने हमले से पहले अगवा किया था.
जांच टीम को अब तक आतंकियों की चार असॉल्ट राइफलें और एक पिस्टल ही मिली है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि अगर छह आतंकी थे तो उनके हथियार कहां हैं? एनआईए इन सवालों के ही जवाब ढूंढ़ रही है.
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