पैंडोरा पेपर्स (Pandora Papers) खुलासे पर गठित मल्टी-एजेंसी ग्रुप ने अपनी प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है और पिछले सप्ताह उसने अपनी पहली मीटिंग भी बुलाई थी. यह जानकारी न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से दी है.
गौरतलब है कि लीक हुए 12 मिलियन डॉक्यूमेंट की जांच के बाद सामने आए पेंडोरा पेपर्स में 380 भारतीय नाम मौजूद हैं, जिसमें से 60 प्रमुख व्यक्तियों और बड़ी भारतीय कंपनियों के दूसरे देशों में मौजूद या "ऑफशोर अकाउंट्स" का दावा किया गया है.
भारत सरकार द्वारा गठित मल्टी-एजेंसी ग्रुप उन भारतीय लोगों और कंपनियों की जांच कर रही है जिनका नाम पैंडोरा पेपर्स में आया है.
पहली मीटिंग में कौन-कौन शामिल ?
न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के अनुसार पिछले सप्ताह हुई मल्टी-एजेंसी ग्रुप मीटिंग की अध्यक्षता सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज के चेयरमैन जे.बी महापात्रा ने की थी. उनके अलावा इस मीटिंग में प्रवर्तन निदेशालय (ED), रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और फाइनेंसियल इंटेलिजेंस यूनिट के अधिकारी भी शामिल हुए थें.
ANI ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट किया कि इस बैठक में मल्टी-एजेंसी ग्रुप ने इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ़ इंटरनेशनल जर्नलिस्ट्स (ICIJ) द्वारा 3 अक्टूबर को जारी सूचनाओं पर चर्चा की. मीटिंग में उपस्थित सूत्र ने बताया कि,
“पैंडोरा पेपर्स में शामिल 380 भारतीय नाम और कंपनियों में से केवल कुछ ही नाम अभी मीडिया में आए हैं. जब ICIJ बाकि बचे भारतीय नामों को जारी कर देगा, फिर मल्टी-एजेंसी ग्रुप अपनी जांच को फास्ट-ट्रैक कर देगी."
मीटिंग में क्या फैसला हुआ ?
ANI के सूत्र ने आगे बताया कि “बैठक में यह फैसला हुआ कि मल्टी-एजेंसी ग्रुप उन देशों से जानकारियां मांगेंगी जो पेंडोरा पेपर्स में शामिल भारतीय नाम से जुड़े हैं. इसके लिए ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इनफार्मेशन (AEIO) का सहारा लिया जायेगा.”
गौरतलब है कि ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इनफार्मेशन (AEIO) टैक्स चोरी के खिलाफ लड़ाई और टैक्स सिस्टम की अखंडता की रक्षा में विभिन्न देशों के प्रशासन के बीच सहयोग है.AEIO दरअसल अनुरोध किए बिना देशों के बीच टैक्स से जुड़ी सूचनाओं का आदान-प्रदान है.
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