सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स फेसबुक और ट्विटर के अधिकारी 21 जनवरी को एक संसदीय कमेटी के सामने पेश हुए. बैठक का एजेंडा इन प्लेटफॉर्म्स के गलत इस्तेमाल को रोकना था, लेकिन एक मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि ट्विटर के अधिकारियों से गृह मंत्री अमित शाह से जुड़े एक मामले पर कड़े सवाल पूछे गए.
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्विटर के अधिकारियों से पूछा गया कि नवंबर 2020 में अमित शाह का अकाउंट क्यों ब्लॉक किया गया था.
21 जनवरी को हुई बैठक का एजेंडा था- नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा, सोशल न्यूज मीडिया प्लेटफॉर्म्स का गलत इस्तेमाल रोकना और डिजिटल स्पेस में महिलाओं की सुरक्षा.
हालांकि, NDTV की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि कमेटी ने ट्विटर को शाह का अकाउंट ब्लॉक करने के मामले पर भी घेरा. अधिकारियों से पूछा गया कि अकाउंट क्यों ब्लॉक किया गया और ऐसा करने का अधिकार उन्हें किसने दिया.
रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि पोस्ट की गई एक तस्वीर पर कॉपीराइट के मुद्दे की वजह से अकाउंट अस्थायी रूप से ब्लॉक करना पड़ा था.
जब अमित शाह का अकाउंट ब्लॉक हुआ था, तब ट्विटर ने उसे अपनी कॉपीराइट पॉलिसी के तहत हुई एक 'भूल' बताया था. ट्विटर के एक प्रवक्ता ने कहा था, "इस फैसले को तुरंत पलट दिया गया था और अकाउंट फंक्शनल हो चुका है."
फेसबुक से प्राइवेसी पर हुए सवाल
संसदीय कमेटी की बैठक में मौजूद सदस्यों के मुताबिक, फेसबुक के अधिकारियों से WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर कड़े सवाल पूछे गए.
बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर ने की थी. बैठक करीब तीन घंटे से ज्यादा चली. फेसबुक के अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि डेटा प्रोटेक्शन और प्राइवेसी से जुड़े मुद्दों पर वो एक विस्तृत लिखित जवाब देंगे.
न्यूज एजेंसी ANI ने WhatsApp के एक प्रवक्ता के हवाले से बताया, "हम संसदीय कमेटी को धन्यवाद देना चाहते हैं कि उन्होंने हमें पेश होने और अपने विचार रखने का मौका दिया. हम भविष्य में भी कमेटी की मदद करेंगे."
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