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JNU सेडिशन केस: चार्जशीट मामले में दिल्ली सरकार को कोर्ट की फटकार

बुधवार को सुनवाई के दौरान charge sheet दायर करने की अनुमति नहीं देने के लिए केजरीवाल सरकार को लिए कड़ी फटकार लगाई.

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जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में तथाकथित देशविरोधी नारे लगाने के मामले में दिल्ली पुलिस की Charge-sheet को दिल्ली सरकार ने अनुमति नहीं दी थी. इस मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने बुधवार को दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है. अदालत ने दिल्ली सरकार से कहा कि ऐसे फाइल लेकर कैसे बैठ सकते हैं. फिलहाल इस मामले में अगली सुनवाई अब 28 फरवरी को होगी.

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दिल्ली पुलिस को कोर्ट की फटकार

दिल्ली पुलिस ने जेएनयू मामले में 14 जनवरी 2018 को 1200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी.इसके बाद दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई थी. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने से पहले उन्होंने नियमों और कानून के तहत केजरीवाल सरकार से इजाजत क्यों नहीं ली? अदालत ने पूछा कि क्या आपके पास लीगल डिपार्टमेंट नहीं है? अदालत ने कहा कि जब तक दिल्ली सरकार इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने की इजाजत नहीं दे देती है, तब तक वो इस पर संज्ञान नहीं लेंगे.

पटियाला कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से यह भी पूछा कि आखिर आप दिल्ली सरकार की इजाजत के बिना चार्जशीट क्यों दाखिल करना चाहते हैं? हालांकि कोर्ट से फटकार के बाद दिल्ली पुलिस ने कहा कि वो इस मामले में 10 दिन के अंदर केजरीवाल सरकार से अनुमति ले लेगी. अब ऐसे में कोर्ट की इस फटकार और इस पूरे मामले में केजरीवाल सरकार की इजाजत की जरूरत को देखते हुए दिल्ली पुलिस के लिए ये एक करारा झटका है. दिल्ली पुलिस ने जेएनयू मामले में 14 जनवरी 2018 को 1200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी.

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दिल्ली सरकार को क्यों लगी फटकार

बुधवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने जब दिल्ली पुलिस से अपडेट मांगा तो उन्होंने बताया कि अभी तक दिल्ली सरकार से उन्हें charge sheet दायर करने की अनुमति नहीं मिली है. इस पर अदालत ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार को permission नहीं देने के लिए कड़ी फटकार लगाई और पूछा कि फाइल कहां अटकी हुई है.

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दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, छात्र नेता उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को charge sheet में मुख्य आरोपी बनाया है. इस मामले में इन तीनों को जेल भी जाना पड़ा था. हालांकि बाद में कोर्ट से इनको जमानत मिल गई थी.

इन तीनों के अलावा 7 कश्मीरी छात्रों को भी आरोपी बनाया गया है, जिनमें मुजीर (जेएनयू), मुनीर (एएमयू), उमर गुल (जामिया), बशरत अली (जामिया), रईस रसूल (बाहरी), आकिब (बाहरी) और खालिद भट (जेएनयू) शामिल हैं. साथ ही 36 लोगों को कॉलम नंबर 12 में आरोपी बनाया गया है, जिन पर घटनास्थल पर मौजूद रहने के आरोप हैं. इन 36 आरोपियों में शेहला राशिद, अपराजिता राजा, रामा नागा, बनज्योत्सना, आशुतोष और ईशान आदि शामिल हैं. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में सबूत के तौर पर वीडियो फुटेज और 100 से ज्यादा प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही पेश की है.

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