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Qपटनाः तेजस्वी के निशाने पर नीतीश, लालू ने जज से की ये अपील

पढ़िए- बिहार से संबंधित बड़ी खबरें

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भारत
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चेहरा चमकाने के लिए काम कर रहे नीतीशः तेजस्वी

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर खुद के महिमामंडन के लिए काम करने का आरोप लगाया है. बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान की चर्चा करते हुए तेजस्वी ने कहा कि एक तरफ तो बिहार सरकार नियोजित शिक्षकों को उचित मानदेय नहीं दे रही है, जबकि दूसरी तरफ उनके श्रम और समय का दुरुपयोग मुख्यमंत्री अपना चेहरा चमकाने के लिए कर रहे हैं.

21 जनवरी को प्रस्तावित मानव श्रृंखला पर भी नेता प्रतिपक्ष ने कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि श्रृंखला के नाम पर लाखों सरकारी कर्मचारियों और स्कूली बच्चों को कड़ाके की ठंड में परेशान किया जा रहा है. तेजस्वी ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, विकास एवं कानून व्यवस्था की लचर स्थिति पर एकदम बेबस और लाचार हो जाती है जबकि हवा हवाई मुद्दों को उठाकर अपना चेहरा चमकाने के लिए करोड़ों रुपये स्वाहा कर देती है. तेजस्वी ने राज्य सरकार से सवाल किया कि दहेज और बाल विवाह विरोधी कानून तो पहले से हैं, लेकिन 13 सालों में इन्हें कड़ाई से लागू क्यों नहीं किया गया. इसपर मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए.

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जज से बोले लालूः सर, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नहीं, कोर्ट ही आ जाएंगे

चारा घोटाले के दो मामलों में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद सहित अन्य आरोपी सीबीआई के विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किए गए. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए डोरंडा और दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में आरोपियों को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से पेश किया गया. आरोपियों को सबसे पहले डोरंडा मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में पेश किया गया और उसमें सीबीआई की ओर से गवाही दर्ज की गई. इसके बाद दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में आरोपियों की पेशी सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में हुई.

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट के स्क्रीन पर उपस्थित आरोपियों का अदालत ने एक-एक कर नाम पुकारा. सभी ने यस सर, जी सर कहते हुए हाथ उठाकर हाजिरी दी. हाजिरी के दौरान लालू यादव ने हाथ जोड़कर जज को प्रणाम किया. अदालत ने आरोपियों से पूछा कि शुक्रवार को कोर्ट आएंगे या वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश होंगे. जज के सवाल पर लालू यादव, डॉ. आरके राणा और कुछ अन्य आरोपियों ने कहा कि सर, कोर्ट में ही आ जाएंगे. कुछ आरोपियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से भी पेशी की इच्छा जताई.

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सीएम नीतीश की मांग, विश्व धरोहर की सूची में शामिल हो राजगीर

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के राजगीर को विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि राजगीर को कॉन्फिल्क्ट रिसोल्यूशन सेंटर (विवाद निपटारे के अंतरराष्ट्रीय केंद्र) के रूप में विकसित किया जाना चाहिए. कॉनफ्लिक्ट (विवाद) से छुटकारा दिलाना जरूरी है. धम्म का आधार ही यही है.

राजगीर स्थित अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में चौथे अंतरराष्ट्रीय धर्म धम्म कांफ्रेस में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि धर्म को ही पाली में धम्म कहते हैं. अभिव्यक्ति के तरीके अलग-अलग हो सकते हैं, पर सभी धर्म की बुनियाद में सत्य है. राग द्वेष का भाव खत्म होना चाहिए. पर्यावरण पर ध्यान देना है. यह भी धम्म है. नीतीश ने कहा कि बिहार तो भगवान बुद्ध की ज्ञान भूमि, भगवान महावीर की जन्मभूमि और मां जानकी की भूमि रही है. यह धरती तो विभिन्न धर्माें का केंद्र रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल कराए जाने को लेकर काफी परिश्रम करना पड़ा है. राजगीर को भी विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया जाना चाहिए.

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प्रदेश के सेवानिवृत्त डॉक्टरों को ही नियुक्ति में आरक्षण का लाभ

प्रदेश के अस्पतालों में चिकित्सा पदाधिकारियों और विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी दूर करने के लिए सेवानिवृत्त डॉक्टरों की सेवा ली जाएगी. 586 सामान्य और 722 विशेषज्ञ सेवानिवृत्त चिकित्सकों की संविदा पर बहाली की प्रक्रिया चल रही है. 15 जनवरी आवेदन करने की अंतिम तारीख है. दूसरे प्रदेश के चिकित्सकों को आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाएगा. इससे प्रदेश के चिकित्सकों के लिए अवसर बढ़ जाएंगे. सेवानिवृत्त चिकित्सक 70 साल की आयु तक काम कर सकेंगे. सेवा की अवधि अधिकतम दो साल की होगी.

प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में सामान्य और विशेषज्ञ चिकित्सकों की भारी कमी है. पिछले साल चिकित्सकों के पदों पर स्थाई बहाली की प्रक्रिया शुरू की गई थी. चिकित्सकों के खाली पदों पर तुरंत स्थाई नियुक्ति संभव न देख सरकार द्वारा संविदा पर 70 साल की आयु तक सेवानिवृत्त चिकित्सकों को बहाल करने का फैसला किया गया.

इनको न्यूनतम एक साल और अधिकतम दो साल के लिए नियुक्त किया जाएगा. इसलिए एक जनवरी 2018 को 69 साल पूरा करने वालों के आवेदन मंजूर नहीं किए जाएंगे. इसमें आरक्षण के प्रावधान का अनुपालन किया जाएगा. राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सेवानिवृत्त चिकित्सकों को अधिक अवसर देने लिए अन्य प्रदेश के चिकित्सकों को आरक्षण का लाभ न देने का फैसला किया गया है.

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