"हमारे तिरंगे का जो अपमान किया है, उसपर कार्रवाई हो और पूरी ईमानदारी के साथ कार्रवाई हो."
यह मांग है बिहार के पटना में प्रदर्शन के दौरान घायल हुए छात्र अनीसुर रहमान की. नौकरी की मांग लेकर राज्य के कोने-कोने से पहुंचे शिक्षक अभ्यर्थियों पर 22 अगस्त को एडीएम (विधि व्यवस्था) ने लाठीचार्ज कर दिया.
इस लाठीचार्ज के दौरान अनीसुर रहमान (Anisur Rehman) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ, जिसमें अनीसुर रहमान तिरंगा लिए जमीन पर लेटे हैं और एडीएम उन पर ताबड़तोड़ लाठियां बरसा रहें हैं.
अनीसुर रहमान भावुक होकर बताते हैं कि उनके पिता ने बड़ी मेहनत से दूसरों की गुलामी कर के उन्हें पढ़ाया है. उनके पिता और माता दोनों की तबियत ठीक नहीं रहती है. वह अपनी मां का इलाज भी नहीं करा पा रहें हैं. मां बेहद कमजोर हो गई है. दोनों मां बाप अपनी मौत को ताल देते है कि उनकी औलाद का फर्ज अभी पूरा नहीं हुआ.
अनीसुर रहमान बताते हैं कि उनके एक भाई है जो घर से बाहर रहता हैं. 4 साल हो गए उनका भाई घर नहीं आ पाया यहां तक की उनकी बहन की शादी में भी नहीं आ पाया. उसकी सैलरी पर ही गुजारा चलता है. उन्हें भी 4 महीनों में सैलरी मिलती है. अनीसुर रहमान कहते हैं कि अगर सरकार उन्हें नौकरी नहीं दे सकती तो इससे बेहतर ही है उन्हें मार दे.
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस घटना की एक समिति जांच का आदेश दिया, जिसमें अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) ने सोमवार को पटना में एक विरोध मार्च के दौरान एक माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) के उम्मीदवार की पिटाई कर दी थी.
शिक्षक भर्ती पर तेजस्वी यादव ने कहा, "छात्रों से धैर्य रखने का अनुरोध किया जाता है. हम उनके मुद्दों को सुलझाने पर काम कर रहे हैं. हम नौकरियों के लिए लड़ रहे हैं. हमने 15 अगस्त को घोषणा की है कि 10 लाख नौकरियां दी जाएंगी."
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