विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति और अमन-चैन गंभीर रूप से बाधित हुए हैं, जिससे भारत और चीन के बीच रिश्ते प्रभावित हो रहे हैं.
विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है, जब पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच कई महीनों से गतिरोध जारी है. जयशंकर ने अपनी किताब ‘द इंडिया वे’ पर आयोजित एक वेबिनार में कहा कि चीन-भारत सीमा का सवाल बहुत जटिल और कठिन मुद्दा है.
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और चीन के संबंध बहुत मुश्किल दौर में हैं, जो 1980 के दशक के अंत से व्यापार, यात्रा, पर्यटन और सीमा पर शांति के आधार पर सामाजिक गतिविधियों के जरिए सामान्य रहे हैं.
उन्होंने कहा, ''हमारा यह रुख नहीं है कि हमें सीमा के सवाल का हल निकालना चाहिए. हम समझते हैं कि यह बहुत जटिल और कठिन मुद्दा है. विभिन्न स्तरों पर कई बार बातचीत हुई है. किसी संबंध के लिए यह बहुत ऊंची लकीर है.'' इसके आगे उन्होंने कहा, ''मैं एक ज्यादा बुनियादी लकीर की बात कर रहा हूं और वो है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में LAC पर शांति रहनी चाहिए.''
विदेश मंत्री ने कहा कि चीन और भारत दोनों उभर रहे हैं और दुनिया में बड़ी भूमिका स्वीकार कर रहे हैं, लेकिन ‘बड़ा सवाल’ यह है कि दोनों देश एक संतुलन कैसे हासिल कर सकते हैं.
इसके अलावा जयशंकर ने कहा, ‘‘अब अगर शांति और अमन-चैन गहरे तौर पर बाधित होते हैं तो संबंधों पर जाहिर तौर पर असर पड़ेगा और यही हम देख रहे हैं.’’
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