सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Government) से पेगासस (Pegasus) मुद्दे पर अपना फैसला सुनाने तक संयम दिखाने औए राज्य सरकार द्वारा अपनी जांच पर रोक लगाने को कहा है. जिस पर बंगाल सरकार ने हलफनामा दायर किया है.
क्या था मामला
दरअसल ममता सरकार ने पेगासस मामले की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मदन बी लोकुर और कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज्योतिर्मय भट्टाचार्य की एक जांच समिति (Enquiry Committee) का गठन किया था. जिसकी घोषणा पिछले महीने की गई थी.
जिसके विरोध में ग्लोबल विलेज फाउंडेशन नाम के एक एनजीओ द्वारा दायर जनहित याचिका में यह तर्क दिया गया था कि, पश्चिम बंगाल का आयोग मामले की समानांतर जांच नहीं कर सकता, जबकि यह अभी भी शीर्ष अदालत के विचाराधीन है.
"जब हम अन्य मामलों की सुनवाई कर रहे हैं, तो हम कुछ संयम की उम्मीद करते हैं. वर्तमान मुद्दा अन्य मुद्दों से जुड़ा है. इसका असर इन सब पर होगा. पूरी निष्पक्षता के साथ हम आपसे प्रतीक्षा करने की अपेक्षा करते हैं."मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना
बंगाल सरकार ने जांच रोकने का दिया आश्वासन
जांच रोकने के आदेश पर बंगाल सरकार ने हलफनामा देते हुए कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश आने तक जांच को स्थगित करती है. साथ ही यह भी कहा कि उसका समानांतर जांच कराने का कोई उद्देश्य नहीं है.
शीर्ष अदालत ने कहा है कि वह अगले सप्ताह पेगासस स्पाइवेयर मामले पर एक व्यापक आदेश सुनाएगी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)