रेयान इंटरनेशनल स्कूल के छात्र प्रद्युम्न की हत्या की जांच के दौरान हरियाणा पुलिस मुंबई गई थी, मगर ट्रस्टी पिंटो परिवार ने गलत पता बताकर पुलिस को चकमा दे दिया था. पुलिस की टीम को जो पता बताया गया था, उस पर ट्रस्ट के सदस्य अगस्टाइन पिंटो, उनकी पत्नी ग्रेस पिंटो और उनके बेटे रेयान पिंटो में से कोई नहीं मिल पाया था, न तो उनके पूर्व कांदिवली स्थित सेंट जेवियर्स एज्यूएशल ट्रस्ट के मुख्यालय पर और न ही परिवार के आवासीय पते पर.
पिंटो परिवार बॉम्बे हाईकोर्ट, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और अब गुरुग्राम में सीबीआई की विशेष कोर्ट में गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत मांग रहे हैं.
पिंटो परिवार ने दिया गलत पता
जांच से जुड़े एक अधिकारी ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा, कि कोर्ट में उनके दिए गए हलफनामों में सभी पते पर उनसे मिलने और प्रश्न करने की हमारी कोशिश व्यर्थ साबित हुई. ट्रस्ट और स्कूल प्रशासनिक स्टाफ ने दावा किया था कि उन्हें पिंटो परिवार और ट्रस्टियों के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन उनका पता लगाया जा सकता है.
लॉ चार्टर्ड फर्म के प्रमुख वकील विनोद तिवारी ने कहा कि ‘कानून के मुताबिक, किसी भी शपथपत्र में गलत पता या फिर झूठा साक्ष्य देनेवाले किसी भी शख्स को गड़बड़ी के मामले में गंभीर कार्रवाई भुगतनी पड़ सकती है, क्योंकि यह न्याय के रास्ते पर रोक लगाता है.’ तिवारी ने बताया, ये कानून का बड़ा मजाक बनाने जैसा है.
सच तो यह है कि पिंटो परिवार की दी गई बोरीवली के पूर्व पते पर लगभग दो दशकों से कोई भी नहीं रह रहा है. सीबीआई की जांच जारी है, जबकि रेयान के भोंडसी स्कूल के प्रबंधन की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन ने अपने हाथ में लिया है.
(इनपुट IANS)
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