ADVERTISEMENTREMOVE AD

अब ‘मेड इन इंडिया, मेड फॉर द वर्ल्ड’ प्रोडक्ट की जरूरत: PM मोदी

CII के सालाना सत्र में PM मोदी का संबोधन

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

कोरोना वायरस संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 जून को कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) के सालाना सत्र को संबोधित किया.

इस दौरान उन्होंने कहा, ''ये इंसान की सबसे बड़ी ताकत होती है कि वो हर मुश्किल से बाहर निकलने का रास्ता बना ही लेता है. आज भी हमें जहां एक तरफ इस वायरस से लड़ने के लिए सख्त कदम उठाने हैं वहीं दूसरी तरफ इकनॉमी का भी ध्यान रखना है.''

ADVERTISEMENTREMOVE AD

उन्होंने कहा, ‘’हमें एक तरफ देशवासियों का जीवन बचाना है तो दूसरी तरफ देश की अर्थव्यवस्था को भी स्टेबलाइज करना है, स्पीड अप करना है.’’

पीएम मोदी ने कहा, ‘’अब जरूरत है कि देश में ऐसे प्रोडक्ट्स बनें जो मेड इन इंडिया हों, मेड फॉर द वर्ल्ड हों. कैसे हम देश का आयात कम से कम करें, इसे लेकर क्या नए लक्ष्य तय किए जा सकते हैं? हमें तमाम सेक्टर्स में प्रोडक्टविटी बढ़ाने के लिए अपने टारगेट तय करने ही होंगे.’’

इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा

  • इस परिस्थिति में आपने “गेटिंग ग्रोथ बैक” की बात शुरू की है और निश्चित तौर पर इसके लिए भारतीय उद्योग जगत के लोग बधाई के पात्र हैं.
  • कोरोना के खिलाफ इकनॉमी को फिर से मजबूत करना, हमारी उच्च प्राथमिकता में से एक है. इसके लिए सरकार, जो फैसले अभी तुरंत लिए जाने जरूरी हैं, वो ले रही है. साथ में ऐसे भी फैसले लिए गए हैं जो लॉन्ग रन में देश की मदद करेंगे.
  • भारत को फिर से तेज विकास के पथ पर लाने के लिए, आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए 5 चीजें बहुत जरूरी हैं- इरादा, समावेश, निवेश, इन्फ्रास्ट्रक्चरऔर नवीनता. हाल में जो बोल्ड फैसले लिए गए हैं, उसमें भी आपको इन सभी की झलक मिल जाएगी.
  • सरकार आज ऐसे पॉलिसी रिफॉर्म्स भी कर रही है जिनकी देश ने उम्मीद भी छोड़ दी थी. अगर मैं एग्रीकल्चर सेक्टर की बात करूं तो हमारे यहां आजादी के बाद जो नियम-कायदे बने, उसमें किसानों को बिचौलियों के हाथों में छोड़ दिया गया था.
  • हमारे श्रमिकों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए, रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए लेबर रिफॉर्म्स भी किए जा रहे हैं. जिन नॉन स्ट्रैटेजिक सेक्टर्स में प्राइवेट सेक्टर को इजाजत ही नहीं थी, उन्हें भी खोला गया है.
पीएम मोदी ने कहा, ‘’MSMEs की परिभाषा स्पष्ट करने की मांग लंबे समय से उद्योग जगत कर रहा था, वो पूरी हो चुकी है. इससे MSMEs बिना किसी चिंता के आगे बढ़ पाएंगे और उनको MSMEs का स्टेटस बनाए रखने के लिए दूसरे रास्तों पर चलने की जरूरत नहीं रहेगी.’’

इसके अलावा उन्होंने कहा, ''अब देश के स्ट्रैटेजिक सेक्टर्स में भी प्राइवेट प्लेयर्स की भागीदारी एक वास्तविकता बन रही है. आप स्पेस सेक्टर में निवेश करना चाहें, एटॉमिक एनर्जी में नए मौके तलाशना चाहें, संभावनाएं आपके लिए पूरी तरह से खुली हुई हैं.''

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×