ADVERTISEMENT

G7 Summit: पीएम नरेंद्र मोदी पहुंचे जर्मनी, भारतीय समुदाय ने किया जोरदार स्वागत

UAE दौरे से खाड़ी देशों की नाराजगी दूर कर पाएंगे पीएम मोदी?

Updated
भारत
3 min read
G7 Summit: पीएम नरेंद्र मोदी पहुंचे जर्मनी, भारतीय समुदाय ने किया जोरदार स्वागत
i

रोज का डोज

निडर, सच्ची, और असरदार खबरों के लिए

By subscribing you agree to our Privacy Policy

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) G7 शिखर सम्मेलन (G7 Summit) में हिस्सा लेने के लिए जर्मनी (Germany) पहुंच गए हैं. म्यूनिख (Munich) पहुंचने पर भारतीय समुदाय ने पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया. पीएम G7 शिखर सम्मेलन में ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, आतंकवाद से मुकाबला, पर्यावरण और लोकतंत्र जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे. इसके साथ ही पीएम मोदी कई द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे.

ADVERTISEMENT

भारतीय समुदाय ने किया भव्य स्वागत

जर्मनी में भारतीय समुदाय ने पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया और 'मोदी-मोदी' के नारे लगाए. म्यूनिख में भारतीय समुदाय हाथों में तिरंगा लेकर पीएम मोदी का स्वागत करने पहुंचा. प्रधानमंत्री ने भारतीयों के करीब जाकर हाथ हिलाकर उनका अभिवादन स्वीकार किया. इस दौरान लोगों ने मोदी के साथ सेल्फी ली और 'भारत माता की जय' के नारे भी लगाए. पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय से मुलाकात की तस्वीरें ट्विटर पर साझा की हैं.

जर्मनी दौरे पर पीएम मोदी का कार्यक्रम

पीएम मोदी जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के निमंत्रण पर G7 शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं. विदेश मंत्रालय के अनुसार पीएम मोदी यहां दो सत्रों को संबोधित करेंगे जिसमें पर्यावरण, एनर्जी, क्लाइमेट, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, लैंगिक समानता और लोकतंत्र जैसे विषयों को वो बात करेंगे.

मालूम हो कि दुनिया के सात विकसित अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के समूह- G7 के इस शिखर सम्मेलन में भारत के अलावा इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, अर्जेंटीना और सेनेगल जैसे देशों को भी न्योता भेजा गया है.

पीएम मोदी इस दौरे पर G7 शिखर सम्मेलन से शामिल होने के अलावा यहां पहुंचे कुछ देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे.

जर्मनी के साथ भारत के रिश्ते को और मजबूत करने का मौका

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि G7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी को मिला यह निमंत्रण भारत और जर्मनी के बीच मजबूत पार्टनरशिप और उच्च स्तरीय राजनीतिक संपर्कों की परंपरा के अनुसार है.

याद रहे कि मोदी ने भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श (India-Germany inter-governmental consultations) के लिए केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों के साथ मई 2022 में आखिरी बार जर्मनी का दौरा किया था. इस दौरे पर भारत और जर्मनी ने सतत विकास (sustainable development) पर कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते के अनुसार भारत को स्वच्छ ऊर्जा का विस्तार करने के लिए 2030 तक €10 बिलियन की आर्थिक सहायता मिलनी है.

ADVERTISEMENT

पीएम मोदी के इस दौरे पर जर्मन चांसलर स्कोल्ज ने भारत को "अर्थव्यवस्था, रक्षा और जलवायु नीति के मामले में जर्मनी के लिए एशिया में केंद्रीय पार्टनर" बताया था.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार विश्लेषकों का मानना ​​है कि जर्मन चांसलर का PM मोदी को भेजा गया यह G7 शिखर सम्मेलन का न्योता दरअसल यूक्रेन संघर्ष के बीच रूस से भारत को दूर करने के जर्मनी के प्रयासों का हिस्सा है.

गौरतलब है कि भारत ने रूस के साथ लंबे समय के रणनीतिक और सुरक्षा संबंधों के कारण यूक्रेन संकट पर अपना न्यूट्रल स्टैंड कायम रखा है. भारत ने रूस और यूक्रेन से बार-बार आपसी दुश्मनी को समाप्त करने और बातचीत के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया है.

UAE दौरे से खाड़ी देशों की नाराजगी दूर कर पाएंगे पीएम मोदी?  

जर्मनी के बाद पीएम मोदी 28 जून को UAE की यात्रा करेंगे. एक दिन से भी कम समय की इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी UAE के पूर्व राष्ट्रपति और शासक शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान की मृत्यु पर अपनी संवेदना व्यक्त करेंगे.

साथ ही पीएम मोदी नए राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने पर शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को भी बधाई देंगे,
ADVERTISEMENT

पीएम मोदी की यह UAE यात्रा इसलिए खास है क्योंकि बीजेपी के दो प्रवक्ताओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर पश्चिम एशियाई देशों की व्यापक नाराजगी के बाद यह यात्रा हो रही है.

UAE ने भी पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणियों की निंदा की थी. हालांकि इसने कुवैत और कतर की तरह नाराजगी जाहिर करने के लिए भारतीय दूत को तलब नहीं किया था.

भारत के लिए UAE का बड़ा महत्व है. UAE भारत के लिए दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है. साथ ही यह ऊर्जा सुरक्षा के लिए पश्चिम एशिया में भारत के प्रमुख भागीदारों में से एक है. दोनों ही देशों ने फरवरी में एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×