प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जॉनसन के बीच मंगलवार को एक वर्चुअल समिट हुई. इस समिट का मकसद स्वास्थ्य और व्यापार समेत कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाना था.
भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया है कि इस समिट के दौरान, द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक भागेदारी तक ले जाने के लिए एक महत्वाकांक्षी ‘रोडमैप 2030’ पर सहमति बनी. PMO ने बताया है कि इस रोडमैप से अगले दस सालों में लोगों के बीच संपर्क, व्यापार और अर्थव्यवस्था, रक्षा और सुरक्षा, क्लाइमेट एक्शन और स्वास्थ्य से जुड़े अहम क्षेत्रों में गहन और मजबूत जुड़ाव के लिए रास्ता तैयार होगा.
दोनों नेताओं ने COVID-19 स्थिति और महामारी के खिलाफ लड़ाई में चल रहे सहयोग पर भी चर्चा की, जिसमें टीकों पर साझेदारी भी शामिल है.
दोनों प्रधानमंत्रियों ने दुनिया की 5वीं और छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार क्षमता को बढ़ाने के लिए, 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुने से ज्यादा करने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए एक 'उन्नत व्यापार साझेदारी' (ETP) को भी लॉन्च किया है. ETP के हिस्से के रूप में, भारत और ब्रिटेन एक व्यापक और संतुलित FTA पर बातचीत करने के लिए एक रोडमैप पर सहमत हुए हैं.
जॉनसन ने एक अरब पौंड के ब्रिटेन-भारत व्यापार और निवेश की घोषणा की
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने एक अरब पौंड के ब्रिटेन-भारत व्यापार और निवेश की घोषणा की है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक, इस व्यापार और निवेश से यूके के आसपास 6500 से ज्यादा रोजगार पैदा होंगे.
इस पैकेज में ब्रिटेन में 53.3 करोड़ पौंड का नया भारतीय निवेश शामिल है.
बयान के मुताबिक, इसमें सीरम इंस्टीट्यूट का 24 करोड़ ग्रेट ब्रिटेन पौंड (जीबीपी) निवेश शामिल है. यह निवेश ब्रिटेन में टीका कारोबार और नए बिक्री कार्यालय में किया जाएगा. इससे एक अरब डॉलर से ज्यादा का नया कारोबार पैदा होने का अनुमान है.
जॉनसन को पिछले महीने भारत की यात्रा पर आना था लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण उनकी यात्रा टल गई. इससे पहले, जनवरी में भी, जॉनसन की गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लेने के लिए भारत आने की योजना थी, लेकिन तब भी महामारी के चलते यात्रा टल गई थी.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)