- 7.5 फीसदी का औसत ग्रोथ रेट हासिल करने के बाद जीडीपी में कमी आई है, इस बात से इंकार नहीं- पीएम
- देशहित के लिए सरकार कड़े फैसले लेगी, इसके लिए आलोचना हो सकती है- पीएम
- ईमानदार लोगों को इसका प्रीमियम मिलेगा-पीएम
- कुछ लोगों को हताशा फैलाने की आदत है- पीएम
- GST से उपजी समस्याओं पर सरकार की नजर है- पीएम
- पिछली सरकार में 8 बार विकास दर गिरी- पीएम
- पीएम ने अर्थव्यवस्था की मजबूती से जुड़े आंकड़े गिनाए
- कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली सरकार और केंद्र सरकार की उपलब्धियों की तुलना की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ICSI के कार्यक्रम में अर्थव्यवस्था से लेकर डोकलाम के मुद्दे तक सरकार की उपलब्धियों को गिनाया. पीएम मोदी ने अर्थव्यवस्था पर उठते सवालों का जवाब देते हुए कहा है कि कुछ लोगों को हताशा फैलाने की आदत है.
उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में बदलाव से इसमें मजबूती आई है, इस अर्थव्यवस्था में ईमानदारी को प्रीमियम मिलेगा. ईमानदारों के हितों की सुरक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ वोटों के लिए रेवड़ियां नहीं बांट सकती, हमारी सरकार देशहित के लिए कड़े फैसले लेगी. इसके लिए मेरी आलोचना भी होगी.
पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें
- ये बात सही है कि पिछले तीन वर्षों में 7.5 प्रतिशत की औसत ग्रोथ हासिल करने के बाद इस वर्ष अप्रैल-जून की तिमाही में GDP ग्रोथ में कमी दर्ज की गई. लेकिन ये बात भी उतनी ही सही है कि सरकार इस ट्रेंड को रिवर्स करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं
- हमने रिफॉर्म से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं और ये प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी. देश की फाइनेंशियल स्टेबिलिटी को भी रखा जाएगा. निवेश बढ़ाने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए हम हर आवश्यक कदम उठाते रहेंगे.
- मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार द्वारा लिए गए कदम देश को आने वाले वर्षों में विकास की एक नई लीग में रखने वाले हैं.
- बदलती हुई देश की इस अर्थव्यवस्था में अब ईमानदारी को प्रीमियम मिलेगा, ईमानदारों के हितों की सुरक्षा की जाएगी.
अर्थव्यवस्था की मजबूती को बताने वाले आंकड़े गिनाए
पीएम मोदी ने अर्थव्यवस्था को मजबूत बताते हुए कुछ आंकड़े भी गिनाए उन्होंने कहा कि जून के बाद
- पैसेंजर कार खरीदारी में 12 फीसदी की बढ़ोतरी
- कॉमर्शियल गाड़ियों की खरीदारी में 23 फीसदी की बढ़ोतरी
- दो पहिया वाहनों की खरीदारी में 14 फीसदी की बढ़ोतरी
- हवाई यात्रा करने वालों की संख्या में 14 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है
- अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने वालों की संख्या में 16 फीसदी की बढ़ोतरी
- टेलीफोन सबस्क्राइबर्स की संख्या में 14 फीसदी की बढोतरी
UPA सरकार और वर्तमान सरकार के आंकड़ों की पीएम ने की तुलना
21 सेक्टर्स में हुए हैं बदलाव: पीएम
- हमने अफोर्डेबल हाउसिंग के क्षेत्र में ऐसे-ऐसे नीतिगत निर्णय लिए हैं, वित्तीय सुधार किए हैं, जो इस क्षेत्र के लिए अभूतपूर्व हैं
- 01/03कंस्ट्रक्शन सेक्टर के आंकड़े(फोटो: ट्विटर)
- 02/03कंस्ट्रक्शन सेक्टर के आंकड़े (फोटो: ट्विटर)
- 03/03कंस्ट्रक्शन सेक्टर के आंकड़े (फोटो: ट्विटर)
- पिछले तीन वर्षों में 21 सेक्टरों से जुड़े 87 छोटे-बड़े रिफॉर्म किए गए हैं. डिफेंस सेक्टर, कंस्ट्रक्शन सेक्टर, फाइनेंशियल सर्विसेज जैसे कितने ही सेक्टरों में निवेश के नियमों में बड़े बदलाव हुए हैं
- देश के आर्थिक क्षेत्र को खोलने के बाद से लेकर अब तक जितना विदेशी निवेश भारत में हुआ है, उसकी तुलना अगर पिछले तीन वर्षों में हुए निवेश से करें, तो आपको पता चलेगा कि हमारी सरकार जो रिफॉर्म कर रही है, उसका नतीजा क्या मिल रहा है.
- मेहनत से कमाए गए आपके एक एक पैसे की कीमत ये सरकार समझती है। इसलिए सरकार की नीतियों और योजनाओं में इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि वो गरीबों और मध्यम वर्ग की जिंदगी तो आसान बनाएं हीं, उनके पैसों की भी बचत करा
LED पर सरकार का विपक्ष पर निशाना
पीएम मोदी ने कहा कि पिछली सरकार में जहां 350 रुपये में LED लाइट बिकती थी, अब वो बेहद कम दामों में उपलब्ध है. उन्होंने मजाकिया तौर पर कहा कि ये जांच का विषय है कि पिछली सरकार LED 350 रुपये में कैसे बेच रही थी.
मेरी आलोचना हो सकती है: पीएम
- मैं जानता हूं कि रेवड़ी बांटने के बजाय, लोगों और देश के सशक्तिकरण करने के काम में, कई बार मुझे आलोचना का भी सामना करना पड़ेगा, लेकिन मैं अपने वर्तमान की चिंता में, देश के भविष्य को दांव पर नहीं लगा सकता
- क्या सत्ता और वोट के लिए ही काम कर सकते हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ICSI के कार्यक्रम में कई बातों की शपथ भी लेने की बात कही, जैसे
- क्या आप सारी शैल कंपनियों को खत्म करने का बीड़ा उठा सकते हैं?
- क्या 2022 तक सारी फर्जी कंपनियों को खत्म किया जा सकता है?
- क्या आप सबको ईमानदारी से टैक्स भरवाने का जिम्मा उठा सकते हैं
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)