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चीन-पाकिस्तान से इंपोर्ट नहीं होंगे पावर इक्विपमेंट- ऊर्जा मंत्री

हाईवे प्रोजेक्ट्स के बाद अब पावर इक्विपमेंट से भी चीनी कंपनियां बाहर

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भारत
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भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी तवान को लेकर अब चीनी कंपनियों को भारत से खदेड़ने की तैयारी हो रही है. 59 चीनी ऐप बैन होने और केंद्रीय मंत्री गडकरी के हाईवे प्रोजेक्ट से चीनी कंपनियों को बाहर करने वाले बयान के बाद अब केंद्रीय ऊर्जा मंत्री का बयान सामने आया है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा है कि चीन और पाकिस्तान से बिना सरकार की इजाजत लिए कोई भी पावर इक्विपमेंट नहीं खरीदा जा सकता है.

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केंद्रीय मंत्री ने पाकिस्तान और चीन को लेकर कड़े शब्दों में कहा कि इन देशों से पावर इक्विपमेंट आयात करने की हमें कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा,

“हम सब कुछ भारत में ही मैन्युफेक्चर कर सकते हैं. भारत ने कुल 71 हजार करोड़ के पावर इक्विपमेंट इंपोर्ट किए हैं, जिनमें से 21 हजार करोड़ के इक्विपमेंट चीन से इंपोर्ट किए गए. इतना ज्यादा इंपोर्ट अब एक ऐसी चीज है जिसे हम बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं.”

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने स्टेट एनर्जी मिनिस्टर्स कॉन्फ्रेंस के दौरान ये भी शक जताया कि चीन से आने वाले पावर इक्विपमेंट में कुछ भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि इनमें रिमोट से कंट्रोल होने वाली कोई ऐसी चीज हो सकती है जिससे हमारे पावर सिस्टम को नुकसान पहुंचाया जा सकता है. इसीलिए पाकिस्तान और चीन से हम कुछ नहीं लेंगे.

उन्होने भारत में ही सभी पावर इक्विपमेंट्स की मैन्युफैक्चरिंग की बात पर जोर दिया. मंत्री ने कहा कि हमें अपने देश की कंपनियों का हौसला बढ़ाने की जरूरत है. इससे हमारे देश में रोजगार भी पैदा होगा.

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गडकरी ने भी किया था ऐलान

इससे पहले केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि चीन की किसी भी कंपनी को अब हाईवे प्रोजेक्ट्स नहीं दिए जाएंगे. इसके अलावा जिन कंपनियों को प्रोजेक्ट मिल भी गया है उन्हें भी वापस ले लिया जाएगा. वहीं एमएसएमई सेक्टर में भी चीनी निवेशकों को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा था,

“चीनी कंपनियों को हाईवे प्रोजेक्ट्स से दूर रखने के लिए जल्द एक पॉलिसी लाई जाएगी. इसके अलावा अब भारतीय कंपनियों के लिए नियमों में छूट दी जाएगी, जिससे वो हाईवे प्रोजेक्ट्स में अपनी योग्यता को बढ़ा सकें. सरकार की तरफ से लिए जाने वाले फैसले मौजूदा और भविष्य में जारी होने वाले टेंडर्स पर लागू होंगे.”
नितिन गडकरी

बता दें कि पिछले महीने गलवान घाटी में भारत और चीन के जवानों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद से ही पूरे देशभर में चीन के खिलाफ गुस्सा है और चीनी सामान को बैन करने की मुहिम चलाई जा रही हैं. वहीं चीन की कई कंपनियों से करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट छीने जा चुके हैं. कई राज्य सरकारों ने चीनी कंपनियों को हटाने का फैसला किया है.

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