भोपाल संसदीय सीट से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने मुंबई हमले में शहीद एटीएस चीफ हेमंत करकरे को लेकर दिया गया बयान वापस ले लिया है और इसके लिए माफी भी मांगी है.
ठाकुर ने कहा है कि उनके बयान से दुश्मन मजबूत हो रहे हैं, इसलिए वह अपना बयान वापस ले रहीं हैं.
मुझे लगता है कि मेरे इस बयान से देश के दुश्मन फायदा उठा रहे हैं, इसलिए मैं अपना बयान वापस लेती हूं और इसके लिए माफी मांगती हूं. ये मेरा व्यक्तिगत दर्द था. वह (हेमंत करकरे) दुश्मन देश के आतंकियों की गोली से मारे गए, लिहाजा, निश्चित तौर पर वह शहीद हैं.प्रज्ञा ठाकुर, भोपाल संसदीय सीट से बीजेपी उम्मीदवार
‘विपक्ष मजबूत होता है, तो वापस लेती हूं बयान’
प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, 'ये मेरा व्यक्तिगत बयान है क्योंकि मैंने यातनाएं सहन की हैं. मैं संन्यासी हूं. अपने भाव में रहती हूं. हम अपने देश को कभी कमजोर नहीं होने देंगे. यह अपने घर की लड़ाई है और अगर अपने घर की लड़ाई में मैंने कहा है कि मुझे प्रताड़ित किया तो वह भाव गलत हो ही नहीं सकता.' उन्होंने कहा कि लेकिन मेरे इस बयान से विपक्ष को अगर बल मिल रहा है तो बिल्कुल इस बात को कहती हूं कि हम विपक्ष के बल को आगे नहीं बढ़ाएंगे.’
बीजेपी की तरफ से पल्ला झाड़ने पर प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, 'यह वास्तव में मेरा व्यक्तिगत बयान है, क्योंकि मैंने पीड़ा सही है, लेकिन देश के दुश्मनों को अगर इससे बल मिल रहा है तो मैं बिल्कुल बयान वापस लेती हूं.'
चुनाव आयोग में शिकायत किए जाने पर साध्वी ने कहा कि उनको जो कार्रवाई करनी होगी, करें, मैं उसका जवाब दूंगी.
शहीद हेमंत करकरे को लेकर प्रज्ञा ठाकुर ने क्या कहा था?
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने मुंबई एटीएस के प्रमुख रहे और आतंकवादियों के हाथों शहीद हुए हेमंत करकरे पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए विवादित बयान दिया था. प्रज्ञा ने कहा कि उन्होंने करकरे को श्राप दिया था और उसी के चलते वह आतंकवादियों का शिकार बने.
मालेगांव बम विस्फोट के आरोप में गिरफ्तारी और उन पर हुई कार्रवाई के बारे में प्रज्ञा ठाकुर ने शुक्रवार को कोलारस क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से बात की. उन्होंने कहा कि उन दिनों वह मुंबई जेल में थीं. जांच आयोग ने सुनवाई के दौरान एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि जब प्रज्ञा के खिलाफ कोई सबूत नहीं है तो उन्हें छोड़ क्यों नहीं देते. तब हेमंत ने कई तरह के सवाल पूछे, जिस पर उन्होंने जवाब दिया कि इसे भगवान जाने. इस पर करकरे ने कहा कि 'तो, क्या मुझे भगवान के पास जाना होगा.' प्रज्ञा ने कहा,
“उस समय मैंने करकरे से कहा था कि तेरा सर्वनाश होगा, उसी दिन से उस पर सूतक लग गया था और सवा माह के भीतर ही आतंकवादियों ने उसे मार दिया था. हिंदू मान्यता है कि परिवार में किसी का जन्म या मृत्यु होने पर सवा माह का सूतक लगता है. जिस दिन करकरे ने सवाल किए, उसी दिन से उस पर सूतक लग गया था, जिसका अंत आतंकवादियों द्वारा मारे जाने से हुआ.”
26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकवादियों ने हमला किया था. इन आतंकवादियों का मुकाबला करते हुए हेमंत करकरे शहीद हुए थे.
प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर सियासी दलों की प्रतिक्रियाएं
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बिना नाम लिए साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बयान की निंदा की है. राहुल ने ट्विटर पर लिखा, 'हेमंत करकरे ने देश को बचाने के लिए जान गंवाई थी. सभी को उनका सम्मान करना चाहिए.'
शहादत के अपमान का हक किसी को नहीं: कमलनाथ
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बगैर किसी का नाम लिए अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि शहादत के अपमान का हक किसी को नहीं है.
करकरे जैसे शहीदों का अपमान कर रही है BJP: ओवैसी
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि बीजेपी 26/11 के मुंबई आतंकी हमले में आतंकियों से लड़कर शहीद होने वाले हेमंत करकरे जैसे पुलिस अफसरों का अपमान कर रही है.
ओवैसी ने कहा, "वह इसलिए नहीं मरे कि आतंकवाद के एक आरोपी को बुरा लगा और उसने उन्हें श्राप दे दिया. यह इनसान हमारे मतदान और सरकार चुनने के अधिकार की रक्षा करने के लिए लड़ते हुए मारा गया. हमारे शहीदों का इस तरह से अपमान करने की बीजेपी की हिम्मत कैसे हुई?"
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