उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रयागराज (Prayagraj) में आज 28 अक्टूबर को ग्लोबल हॉस्पिटल की बिल्डिंग को गिराने के निर्देश दिए थे. दरअसल ग्लोबल हॉस्पिटल पर एक मरीज को प्लेटलेट्स की बजाए मौसमी का जूस चढ़ाने का आरोप था. आनन-फानन में ग्लोबल हॉस्पिटल की मालकिन की तरफ से लगातार प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी (PDA) के चेयरमैन से मिलने की कोशिश की गई मगर उन्होंने मिलने से इंकार कर दिया.
जिसके बाद वो इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंची और वहां डबल स्पेशल बेंच के तहत माननीय न्यायमूर्ति सूर्य प्रकाश केसरवानी और माननीय न्यायमूर्ति विकास बुधवार की स्पेशल बेंच बैठी और सुनवाई शुरू हुई.
बचाव पक्ष में ग्लोबल हॉस्पिटल की बिल्डिंग की मालकिन मालती देवी के वकील आशुतोष मिश्रा एवं अविनाश श्रीवास्तव की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि, "बिल्डिंग के ओनर ग्लोबल हॉस्पिटल के लोग नहीं हैं वह एक किराएदार हैं.
दूसरी बात क्रिमिनल प्रोसीडिंग और सिविल प्रोसीडिंग को एक साथ नहीं जोड़ा जा सकता है. यह रूल है इसके अलावा उनके पास गिराने का पहले से कभी कोई नोटिस नहीं आया जिससे वह अपना जवाब लगाते."
वहीं पीडीए ने अपनी तरफ से कोर्ट को बताया कि कोरोना काल के ही समय बिल्डिंग ऑनर को नोटिस भेजा गया था. मगर कोई जवाब नहीं आया जिसके बाद पीडीए ने बिल्डिंग को गिराने की कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने पीडीए से सवाल पूछा कि, "अगर किसी के घर गिराने का नोटिस पीडीए की तरफ से दिया जाएगा तो वह जवाब क्यों नहीं देगा आज अचानक से अस्पताल का मामला उछला तो रातों-रात सारी कार्रवाई कर दी गई यह कार्रवाई पहले क्यों नहीं की गई थी."
कोर्ट ने ग्लोबल हॉस्पिटल की बिल्डिंग की मालकिन मालती देवी को राहत देते हुए PDA को 2 हफ्ते के लिए ग्लोबल हॉस्पिटल की बिल्डिंग पर कोई भी कार्रवाई करने से रोक लगाते हुए पीडीए को निर्देशित किया कि, "फिर से नोटिस दीजिए. मालती देवी की तरफ से नोटिस का पूरा जवाब लगाया जाएगा और फिर आगे पीडीए 6 हफ्ते के अंदर ही कोई कार्रवाई कर सकता है."
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में ग्लोबल हॉस्पिटल में एक डेंगू मरीज को प्लेटलेट्स के नाम पर मौसमी का आरोप है. जिसकी रेफर होने के बाद मौत हो गयी. परिजनों के आरोप के बाद स्वास्थ्य विभाग ने ग्लोबल हॉस्पिटल को सील कर दिया और जांच के आदेश दिए थे.
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