भारत ने शुक्रवार को दलाई लामा की राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात पर चीन के विरोध को गलत बताया है. भारत ने कहा कि तिब्बती आध्यात्मिक गुरु ने जिस कार्यक्रम में भाग लिया वह गैर-राजनीतिक था.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, “आप भारत की स्थिति से लगातार वाकिफ हैं. धर्मगुरु दलाई लामा एक सम्मानित और सभ्य आध्यात्मिक नेता हैं. नोबेल पुरस्कार विजेताओं द्वारा आयोजित यह एक गैर-राजनीतिक कार्यक्रम था जो बच्चों के कल्याण के लिए समर्पित था.”
आखिर क्या है मामला
चीन ने शुक्रवार को तिब्बत के निर्वासित धर्मगुरु दलाई लामा की भारतीय राष्ट्रपति से मुलाकात पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी. इस समारोह में कई नोबेल शांति पुरस्कार विजेताओं ने हिस्सा लिया था. इस महीने की शुरुआत में भी चीन ने तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी.
चीन ने दलाई लामा की हाल के मंगोलिया दौरे पर भी नाराजगी जताई थी. इसे लेकर चीन ने मंगोलिया के ट्रकों पर चीनी क्षेत्र में शुल्क में बढ़ोतरी की थी.
चीन 14वें दलाई लामा पर अलगाववादी गतिविधियों का आरोप लगाता रहा है. निर्वासित तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा साल 1959 से भारत में रह रहे है.
(इनपुट आईएएनएस से)
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