नयी दिल्ली के तुगलकाबाद में गुरु रविदास की याद में बना एक मंदिर गिराए जाने के खिलाफ पंजाब के कई जगहों पर दलितों ने सोमवार को विरोध प्रदर्शन किए. इस मंदिर को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक गिराया गया है. जानकारों का कहना है कि जिस पवित्र जगह पर यह मंदिर बनाया गया था, 1509 में सिकंदर लोधी के शासन के दौरान गुरु रविदास ने वहां का दौरा किया था. नवांशहर में दलितों ने विरोध मार्च किया जहां ज्यादातर दुकानें बंद रहीं.
रविदास समुदाय के प्रति कांग्रेस का समर्थन
कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख सुनील जाखड़ ने भी रविदास समुदाय के प्रति अपनी पार्टी का समर्थन जताया लेकिन उनसे यह सुनिश्चित करने की अपील की कि उनके प्रदर्शनों के चलते आम लोग न प्रभावित हों. सोमवार को जारी एक बयान में जाखड़ ने कहा कि पार्टी समुदाय के साथ है और इस ऐतिहासिक स्थल के दोबारा आवंटन और मंदिर के पुनर्निर्माण के मामले को आगे बढ़ाने में हरसंभव मदद करेंगे. हालांकि लोक हित में उन्होंने विरोध प्रदर्शनों की अगुवाई कर रहे गुरु रविदास जयंती समारोह समिति से सड़कों और राजमार्गों को बाधित नहीं करने की अपील की, ताकि यात्रियों को परेशानी न हो.
इससे पहले लुधियाना, जालंधर, फगवाड़ा, गुरदासपुर और अमृतसर में प्रदर्शनकारियों ने राज्य के कई हाइवे को बाधित किया, जिससे यात्रियों को मुश्किलें उठानी पड़ी.
मामला सुलझाने की कोशिश में सांसद ओम प्रकाश
इस बीच केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री और होशियारपुर के सांसद सोम प्रकाश ने मंदिर गिराए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि वह मामले को सुलझाने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल और जरूरत पड़ने पर प्रधानमंत्री से भी मुलाकात करेंगे. नयी दिल्ली के लिए सोमवार को रवाना होने से पहले फगवाड़ा स्थित अपने आवास पर बुलाए प्रेस कॉन्फ्रेंस में सोम प्रकाश ने कहा कि मंदिर गिराए जाने ने न सिर्फ दलितों बल्कि समाज के सभी वर्गों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है.
अमरिंदर की मोदी से हस्तक्षेप की मांग
दिल्ली में गुरु रविदास मंदिर के कथित ध्वस्तीकरण को लेकर रविदास समुदाय द्वारा राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले को शांत कराने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की. सिंह ने प्रधानमंत्री से यह अपील इसलिए की, क्योंकि गुरु रविदास जयंती समरोह समिति के बैनर तले प्रदर्शन करने वाले समुदाय के सदस्यों ने 13 अगस्त को देशव्यापी बंद का आह्वान किया है. समुदाय के सदस्यों ने साथ ही नयी दिल्ली के तुगलकाबाद क्षेत्र स्थित मंदिर के ध्वस्तीकरण के खिलाफ स्वतंत्रता दिवस को 'काला दिवस' के रूप में मनाने का भी आह्वान किया है.
मुख्यमंत्री ने विरोध प्रदर्शनों को संज्ञान में लेते हुए रविवार को कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी नहीं करना चाहते थे. उन्होंने कहा कि वह धार्मिक ढांचों और ऐतिहासिक महत्व की संरचनाओं को ध्वस्त करने के पक्ष में नहीं हैं जिससे किसी समुदाय की भावनाएं जुड़ी हों.
पांच सदस्यीय समिति का गठन
मंदिर के ध्वस्तीकरण की खबरों के बीच दलितों ने शनिवार को भी पंजाब में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया था. अमरिंदर सिंह ने समुदाय के सदस्यों से अपना विरोध प्रदर्शन वापस लेने की अपील की और कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार के साथ इस मामले को सुलझाने के लिए पूरा समर्थन देने को तैयार है. सिंह ने इसके साथ ही मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए भूमि के दोबारा आवंटन की खातिर केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी से बात की. जमीन कथित तौर पर दिल्ली विकास प्राधिकरण की है.
सिंह ने समुदाय को इस मामले के हल और उसी स्थान पर मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए सभी तरह की कानूनी और वित्तीय मदद का वादा किया. उन्होंने इसके साथ ही समुदाय के धार्मिक और राजनीतिक प्रतिनिधियों से मुलाकात करने और केंद्र के साथ इस मुद्दे के हल के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया.
बता दें कि किंवदंती के मुताबिक जिस पवित्र स्थान पर मंदिर का निर्माण किया गया था, वहां गुरु रविदास सिकंदर लोधी के शासनकाल में 1509 के आसपास आये थे.
(इनपुट: भाषा)
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