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सड़क पर किसान, पंजाब और हरियाणा के CM की ट्विटर वाली जंग

अमरिंदर सिंह और खट्टर एक दूसरे को किसानों का दुश्मन बता रहे हैं

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भारत
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25 नवंबर को हजारों किसान नए 3 कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए पंजाब से दिल्ली के लिए निकले. उन्हें 26 नवंबर को दिल्ली पहुंचकर केंद्र सरकार से अपनी इन कानूनों को लेकर नाराजगी जतानी थी. लेकिन इन किसानों को हरियाणा-पंजाब सीमा पर ही पुलिस ने रोक लिया है. पुलिस ने भारी तादाद में बैरिकेड्स लगा दिए हैं और साथ में बीएसएफ को भी तैनात किया गया है. कुछ जगहों पर पुलिस ने वॉटर कैनन का भी इस्तेमाल किया और आंसू गैस के गोले चलाए जाने और लाठीचार्ज की भी खबरें हैं. सड़कों के अलावा ट्विटर पर भी वाक युद्ध छिड़ा हुआ है अमरिंदर सिंह और खट्टर एक दूसरे को किसानों का दुश्मन बता रहे हैं.

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बता दें कि पंजाब और हरियाणा दोनों पड़ोसी राज्य हैं. पंजाब से दिल्ली आने के लिए हरियाणा से होकर ही आना होता है. हरियाणा सरकार ने पंजाब से दिल्ली आने वाली सभी सड़कों को बंद कर दिया है ताकि प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली न पहुंच सकें. पंजाब में अमरिंदर सिंह की कांग्रेस सरकार है तो हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की बीजेपी की सरकार सत्ता है. और किसानों की ये लड़ाई अब बीजेपी बनाम कांग्रेस बनती हुई दिखाई दे रही है.

मनोहर लाल खट्टर और अमरिंदर सिंह के बीच किसानों के मुद्दे को लेकर ट्विटर पर जुबानी जंग छिड़ी हुई है. अमरिंदर सिंह ने कहा है कि हरियाणा सरकार शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों को उकसा रही है, वहीं दूसरी तरफ खट्टर का कहना है कि अमरिंदर सिंह खुद किसानों के मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं हैं.

हरियाणा सरकार किसानों को क्यो उकसा रही है?: अमरिंदर सिंह

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा है कि- 'करीब 2 महीने से किसान पंजाब में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं और अब तक कोई दिक्कत नहीं हुई. हरियाणा किसानों पर बल का प्रयोग करके उन्हें उकसा क्यों रही है? क्या किसानों के पास हाईवे पर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने का भी अधिकार नहीं हैं.'

ये बहुत दुखी करने वाला है कि संविधान दिवस 2020 के दिन ही संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है और किसानों को इस तरह से परेशान किया जा रहा है. मनोहरलाल खट्टर जी उन्हें गुजरने दीजिए, उन्हें किनारे मत कीजिए. उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से उनकी आवाज दिल्ली पहुंचाने दीजिए.
अमरिंदर सिंह, CM, पंजाब

अमरिंदर सिंह ने ये भी कहा कि 'मैं बीजेपी से निवेदन करता हूं कि वो अपने राज्य के मुख्यमंत्री को निर्देश दें कि वो इस तरह से किसानों पर बल का प्रयोग न करें. जिन हाथों की वजह से देश को भोजन मिलता है उन हाथों को किनारे नहीं किया आप सिर्फ ट्वीट करते हैं और भाग जाते हैंजाना चाहिए.'

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सबसे ज्यादा दोगला रोल कैप्टन अमरिंदर का: शिरोमणि अकाली दल

शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर ही हमला बोला है उनका कहना है कि "सबसे ज्यादा दोगला रोल कैप्टन का रहा है. कैप्टन को वहां जाकर आंदोलन करने की जरुरत है लेकिन वो चुप होकर बैठा है और किसानों को सड़कों पर लगा दिया है पानी की बौछारों का सामना करने के लिए. उन्हें PM और कृषि मंत्री के साथ मिलकर प्रेशर बनाना चाहिए."

आप सिर्फ ट्वीट करते हैं और भाग जाते हैं: मनोहर लाल खट्टर

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अमरिंदर सिंह की बातों का ट्विटर पर ही जवाब दिया और कहा कि- 'मैंने ये पहले भी कहा है और मैं फिर से ये बात कह रहा हूं कि अगर एमएसपी पर कोई भी संकट आएगा तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा. इसलिए मासूम किसानों को उकसाना छोड़ दीजिए. मैं पिछले 3 दिनों से आपसे बात करने की कोशिश कर रहा हूं लेकिन आपने नहीं बात करने का तय किया है.'

क्या आप किसानों के मुद्दे पर इतने गंभीर सही में हैं? आप सिर्फ ट्वीट करते हैं और भाग जाते हैं, क्यों? आपके झूठ और प्रोपेगेंडा का वक्त अब खत्म हो चुका है, अब आप लोगों को अपना असली चेहरा दिखा दीजिए. लोगों का जीवन खतरे में डालना बंद कर दीजिए. मैं आपसे निवेदन करता हूं कि लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ मत कीजिए. कम से कम महामारी के दौरान हल्की राजनीति मत कीजिए.
मनोहर लाल खट्टर, CM, हरियाणा
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राहुल ने इस कोशिश को बताया 'मोदी सरकार की क्रूरता'

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने भी प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के टकराव का वीडियो जारी किया है. जिसमें पुलिस किसानों पर इस ठंड के मौसम में वॉटर कैनन का इस्तेमाल कर रही है. राहुल गांधी ने साथ में लिखा है कि 'मोदी सरकार की क्रूरता के खिलाफ देश का किसान डटकर खड़ा है'

किसानों से सबकुछ छीना जा रहा है: प्रियंका गांधी

कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी ने भी किसानों पर वॉटर कैनन इस्तेमाल किए जाने की निंदा की है और ट्विटर पर इसे शेयर किया है. उन्होंने कहा कि "किसानों से सबकुछ छीना जा रहा है"

बता दें कि पंजाब के हजारों किसान 25 नवंबर के दिन सुबह से ही हरियाणा के साथ लगती अंतर्राज्यीय सीमाओं पर जुटने लगे. तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के जत्थे 'दिल्ली चलो' आंदोलन के लिए आगे बढ़ रहे थे इसके मद्देनजर हरियाणा ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ओर उनके कूच को प्रतिबंधित कर दिया और उन पर वॉटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया. बीजेपी शासित पड़ोसी राज्य हरियाणा ने प्रदर्शनकारियों के जुटने से रोकने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी है.

किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली मेट्रो ने अपनी टाइमिंग में बदलाव किए हैं. दोपहर 2 बजे तक दिल्ली से नोएडा, फरीदाबाद गाजियाबाद और गुरुग्राम तक मेट्रो सेवाए भी सस्पेंड हैं. डीएमआरसी के मुताबिक, गुरुवार को दोपहर 2 बजे तक दिल्ली मेट्रो की सभी लाइन पर कुछ चुनिंदा स्टेशनों के बीच की सर्विस नहीं मिलेगी. इससे दिल्ली बॉर्डर के इलाकों वाली मेट्रो भी प्रभावित रहेगीय दिल्ली पुलिस के अनुरोध पर किसान रैली और कोविड महामारी में भीड़ से बचने के लिए ये कदम उठाया जा रहा है.

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