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केंद्र ने SC को बताया- राफेल से जुड़ी फाइल चोरी, अगली सुनवाई 14 को

राफेल जेट डील पर तीन जजों वाली बेंच ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की.

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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राफेल जेट डील से संबंधित दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए हैं. सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट से कहा कि राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार के लिए दाखिल की गई याचिकाएं उन्हीं दस्तावेजों पर आधारित हैं. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 मार्च की तारीख तय की है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण ने संयुक्त रूप से सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार के लिए याचिका दायर की थी. इन याचिकाओं पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस एसके कौल और केएम जोसेफ की तीन-जजों वाली बेंच ने ओपन कोर्ट में सुनवाई की.

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सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या हुआ?

सुनवाई के दौरान जब प्रशांत भूषण ने सीनियर जर्नलिस्ट एन. राम के आर्टिकल का जिक्र किया, तो अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने इस पर आपत्ति जताई. अटॉर्नी जनरल ने कहा कि जिस आर्टिकल का जिक्र किया जा रहा है, वो चोरी किए गए दस्तावेजों पर आधारित है और इस मामले में जांच चल रही है.

वेणुगोपाल ने कहा कि ‘द हिंदू’ में सीनियर जर्नलिस्ट एन. राम का पहला आर्टिकल 8 फरवरी को पब्लिश हुआ था और अब दूसरा आर्टिकल भी सुनवाई के दिन ही पब्लिश किया गया है, ताकि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई को प्रभावित किया जा सके. उन्होंने कहा कि ये सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है.

वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘ये कागजात रक्षा मंत्रालय से पूर्व या मौजूदा कर्मचारी द्वारा चोरी किए गए हैं. ये गोपनीय दस्तावेज हैं और इन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा सकता.’’ इस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने उनसे पूछा कि सरकार ने इस मामले में अभी तक क्या कार्रवाई की है.

CBI जांच से देश को भारी नुकसान होगा

इसके बाद केंद्र सरकार ने जवाब देते हुए कहा कि हम लोग जांच कर रहे हैं कि कागजातों की चोरी कैसे हुई. साथ ही राफेल विमान सौदे से जुड़े केस में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, "अगर अब इस मामले पर CBI जांच के निर्देश दिए जाते हैं, तो देश को भारी नुकसान होगा."
अटॉर्नी जनरल ने अदालत से कहा कि दस्तावेज के स्रोत का खुलासा उन लोगों द्वारा किया जाना चाहिए, जिन्होंने इसे प्रकाशित किया था.
चीफ जस्टिस ने कहा, "प्राथमिक सवाल यह है कि अगर इस मामले पर प्रासंगिकता या भ्रष्टाचार है, तो क्या अदालत को सबूत या दस्तावेज पर गौर नहीं करना चाहिए?" इस पर वेणुगोपाल ने कहा, "इस पर गौर नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह रक्षा और गोपनीयता से संबंधित है."

इसके बाद याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने कोर्ट से कहा, "कोलगेट और 2जी घोटाले के मामलों में मैंने एक व्हिसलब्लोअर से दस्तावेज मंगवाया था."


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