भारत के राफेल विमानों का पहला बेड़ा बुधवार दोपहर को अंबाला एयरबेस पहुंच गया. इस बेड़े में 5 विमान आए हैं, जिन्होंने सोमवार को फ्रांसीसी बंदरगाह शहर बोरदु के मेरिग्नैक एयरबेस से उड़ान भरी थी.
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राफेल विमानों के भारत आने से जुड़ी 10 बड़ी बातें
- राफेल विमान लगभग 7000 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद अंबाला पहुंचे हैं, बीच में ये विमान संयुक्त अरब अमीरात में रुके थे.
- अंबाला एयरबेस को भारतीय वायु सेना का अहम बेस माना जाता है. यहां से भारत-पाकिस्तान सीमा करीब 220 किलोमीटर की दूरी पर है.
- संबंधित अधिकारियों के मुताबिक, बेड़े में एक सीट वाले तीन और दो सीट वाले दो विमान हैं.
- इन विमानों को बुधवार को भारतीय वायु सेना में स्क्वॉड्रन नंबर 17 में शामिल किया जाएगा, जिसे 'गोल्डन एरोज' के नाम से भी जाना जाता है.
- प्रशासन ने अंबाला एयरबेस आसपास निषेधाज्ञा जारी कर तस्वीरें लेने और वीडियो बनाने पर रोक लगा दी है.
- जिला मजिस्ट्रेट के हस्ताक्षर वाले एक आदेश में कहा गया है, "दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144 के आधार पर मेरे साथ निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, मैं 29 जुलाई को वायु सेना स्टेशन अंबाला की किसी भी संपत्ति की फोटोग्राफी को तत्काल प्रभाव से सुबह से शाम तक के लिए प्रतिबंधित करता हूं."
- सुरक्षा के मद्देनजर हरियाणा पुलिस ने एयरबेस के पास स्थित आवासीय इलाकों में कई नाके बनाए हैं.
- रक्षा मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि राफेल के अधिस्थापन के औपचारिक समारोह की योजना बाद में बनाई जाएगी.
- भारत ने 23 सितंबर 2016 को फ्रांसीसी एरोस्पेस कंपनी दसॉ एविएशन से 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया था.
- इन 36 विमानों में से 30 विमान लड़ाकू, जबकि छह प्रशिक्षक विमान हैं.
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टॉपिक: राफेल भारत में राफेल
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