संयुक्त किसान मोर्चा ने 18 अक्टूबर को देशव्यापी 'रेल रोको' आंदोलन किया. यह आंदोलन लखीमपुर खीरी घटना के विरोध में किया गया. किसानों की मांग है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी हो.
लखीमपुर खीरी हत्याकांड में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग पर दबाव बनाने के लिए, संयुक्त किसान मोर्चा ने राष्ट्रव्यापी रेल रोको कार्यक्रम की घोषणा की थी.संयुक्त किसान मोर्चा
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सोमवार को सुबह आंदोलन शुरू होने के बाद, प्रदर्शनकारी अमृतसर के देवी दासपुरा गांव में रेलवे ट्रैक पर सामूहिक रूप से बैठ गए, ताकि ट्रेन की आवाजाही को रोका जा सके.
हरियाणा में, प्रदर्शनकारियों ने बहादुरगढ़ के रेलवे ट्रैक पर बैठ गए. इसी तरह बिहार में वैशाली जिले के लालगंज रेलवे स्टेशन में प्रदर्शनकारी रेल लाइन पर बैठे.
किसान समूह ने एक बयान में कहा है कि इस आंदोलन को शांतिपूर्वक, बिना किसी नुकसान और किसी भी तरह की रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाए बगैर होगा.
भारतीय यूनियन किसान के नेता राकेश टिकैत ने बताया कि "यह विरोध प्रदर्शन अलग-अलग जिलों में होगा. पूरे देश में होगा. वहां के लोग जानते हैं कि हमें ट्रेन को कहां रोकना है. भारत सरकार ने अभी तक हमसे बात नहीं की है".
'रेल रोको' आंदोलन में हिस्सा लेने वालों को यूपी पुलिस ने दी चेतावनी
लखनऊ पुलिस ने सोमवार को कहा कि वह रेल रोको आंदोलन में भाग लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी. साथ ही पुलिस ने चेतावनी दी कि सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने वालों को दंडित करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम का इस्तेमाल किया जाएगा.
लखनऊ पुलिस ने एएनआई के हवाले से कहा, "पुलिस उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी जो किसान संगठन द्वारा बुलाए गए 'रेल रोको आंदोलन' में भाग लेंगे. जिले में 144 सीआरपीसी भी लगाया गया है और अगर कोई सामान्य स्थिति को बाधित करने की कोशिश करता है तो एनएसए लगेगा".
विरोध प्रदर्शन के बीच हरियाणा के सोनीपत रेलवे स्टेशन पर रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात किया गया है.
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