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रेल हादसों की जांच के लिए 7 सालों में बनी 3 जोन की 111 समितियां

ये बात आरटीआई के तहत रेलवे से मांगी गई जानकारी से सामने आई है.

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भारत
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बीतें सात सालों में अब तक पश्चिमी रेल, पूर्वी तटीय रेल और पश्चिम मध्य रेल के तीन रेलवे जोन में हुई ट्रेन दुर्घटनाओं के संबंध में 111 जांच समितियां बनाई गई हैं. ये बात आरटीआई के तहत तीन रेलवे जोनों से मांगी गई जानकारी से सामने आई है.

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सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने रेलवे मंत्रालय से ट्रेन दुर्घटनाओं के संबंध में जांच समितियों की सूचना मांगी थी, जिसे सभी रेलवे जोन को भेजा गया. इनमें से अब तक 3 जोन ने जवाब दिया है.

2010 से अब तक कुल 111 जांच समितियां

जवाब के मुताबिक 1 जनवरी, 2010 से अब तक पश्चिम रेल, पूर्वी तटीय रेल और पश्चिम मध्य रेल के 3 रेलवे जोन में ट्रेन दुर्घटनाओं के संबंध में 111 जांच समितियां बनाई गई हैं. इनमें 51 जांच समितियां पश्चिम रेल मुंबई, 37 पूर्वी तटीय रेल भुवनेश्वर और 23 पश्चिम मध्य रेल, जबलपुर ने बनाई है.

पश्चिमी रेल में 24 मामलों में वाहनों की लापरवाह ड्राइविंग से घटना घटी, जबकि तीन मामलों में आपराधिक वजहों से घटना घटी. एक मामले में बादल गिरने से घटना घटी. पांच मामलों में कुल सात रेलवे कर्मी बर्खास्त किए गए और 2 को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई, जबकि बाकी 16 मामलों में को छोटे दंड मिले.

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पूर्वी तटीय रेल में 19 मामलों में कोई कर्मचारी दोषी नहीं पाया गया, दो मामलों में बाद में आरोप वापस ले लिए गए, एक में परामर्श दिया गया, जबकि दो मामलों में तीन बर्खास्त किए गए. कुनेरू (आंध्र प्रदेश) में हीरानंद एक्सप्रेस की दुर्घटना की एनआईए जांच कर रही है.

पश्चिम मध्य रेल में दो मामलों में बर्खास्तगी सहित 13 मामलों में कई तरह के दंड दिए गए, जबकि 10 मामलों में रेलकर्मी दोषी नहीं पाए गए. गुर्रा स्टेशन पर अज्ञात व्यक्ति का आधी जली सिगरेट को वेंटीलेटर में ठूंसने से आग लगने की बात सामने आई. तीन मामलों में लापरवाही से ड्राइविंग और एक मामले में जानवर के आ जाने से दुर्घटना होना पाया गया.

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