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राजस्थान: रीट पेपर लीक मामले में ईडी की जांच, टारगेट पर कई बड़े चेहरे

ईडी की एंट्री के बाद राज्य में कई सफेदपोशों और जमानत पर बाहर आए आरोपियों के माथे पर फिर पसीना आ गया है.

Published
भारत
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जयपुर में प्रवर्तन निदेशालय के रीट (REET) पेपर लीक मामले में मुकदमा दर्ज करते ही के राजनीतिक गलियारों में हडकंप मच गया है. मामले में सियासत गर्म होती दिख रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ईडी की तरफ से मुकदमा दर्ज करने पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि बीजेपी राजस्थान में चुनावी मोड पर आ गई है, इसलिए इस तरह के फैसल हो रहे है. कोई एजेंसी जांच करेगी तो क्या किया जा सकता है.

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दूसरी तरफ युवामोर्चा ने रीट प्रकरण की सीबीआई जांच को लेकर एक बार फिर से सोमवार को आंदोलन शुरु करने का ऐलान करते हुए पचास लाख युवाओं से हस्ताक्षर करने के अभियान चलाया.

इस मामले में ईडी की एंट्री के बाद राजस्थान में कई सफेदपोशों और इस मामले में जमानत पर बाहर आए आरोपियों के माथे पर फिर पसीना आ गया है. SOG ने इस मामले की जांच में 48लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से ज्यादातर जमानत पर बाहर आ चुके हैं.

कई सालों से लीक हो रहे हैं पेपर

मामले में ईडी की जांच का दायरा रीट पेपर लीक से जिन लोगों ने लाखों-करोड़ों रुपए की काली कमाई की है. बरसों से पेपर लीक करते आ रहे नकल माफिया के पास कितनी संपत्ति है और इस तरह से कमाया गया धन किस-किस तक पहुंचाया जाता है, इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय की टीम करेगी. हालांकि रीट पेपर लीक मामले में प्रवर्तन निदेशालय पेपर लीक कांड से काली कमाई का पैसा कहां कहा लगा है, कौन सी इमारतें और जमीन खरीद गई है, कहां निवेश हुआ है, इसका पता ईडी लगाएगी.

मामले में एसओजी ने करीब सवा करोड़ रुपए से अधिक बरामद किए थे, बस उसी रकम को सूंघते-सूघते ईडी यहां तक पहुंच गई और लगा कि जब इतने तो छोटे-मोटों से बरामद हो गए, तो असली सूत्रधारों के पास कितना पैसा गया होगा.
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अपराधिक मामलों की जांच कर रही एसओजी अभी यह स्पष्ट नहीं कर पाई है कि पेपर लीक कांड का असली मास्टर माइंड कौन है. ऐसे में हो सकता है ईडी मनी लॉन्ड्रिग की जांच करते हुए वहां तक पहुंच जाए. राजस्थान में सरकार ने इस मामले में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली को पद से तो हटा दिया था, लेकिन उसके खिलाफ अभी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई थी.

ईडी की जांच में डीपी जारोली और उनकी संपत्ती भी निशाने पर आ सकती है. उन्हीं की अप्वांइट की गई कमेटी के लोगों की निगरानी में ही रीट पेपर लीक हुआ था. ईडी ने सोमवार शाम तक तो एसओजी से कॉन्टेक्ट नहीं किया था.

एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ ने कहा है कि

केन्द्रीय जांच ऐजेंसी अगर किसी केस की पैरेलल जांच कर रही है तो सहयोग मांगा जाएगा वह देंगे. ईडी सिर्फ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में जांच और कार्रवाई करती है. आपराधिक प्रकरण की जांच अभी एसओजी ही करेगी.
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निष्पक्ष जांच करें एजेंसियां तो सच्चाई सामने आए- CM गहलोत

सोमवार, 18 अप्रैल को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश की जांच एजेन्सियां निष्पक्ष जांच करे तो सच्चाई सबके सामने आ सकती. उन्होंने कहा ​कि रामनवमी पर दंगे हुए इसके बाद किस तरह की कार्रवाई हो रही है, देश देख रहा है, देश में लोकतंत्र कहा नजर आ रहा है, गरीबों पर बुलडोजर चला रहे हो.

दंगा होता है तो कई लोग गिरफ्तार होते है, बाद में छूट भी जाते है लेकिन ऐसी कार्रवाई करने जैसा अन्याय पहले नहीं देखा. सोनिया गांधी ने भी प्रधामंत्री से यहीं मांग की है कि आप आगे आकर अपील करे कि जो भी दंगे करता है मैं उसकी निंदा करता हूं. गांधीजी के समय से ही देश ने हिंसा को स्वीकार नहीं किया लेकिन आज देश में जैसा हो रहा है उसकी पूरी दुनिया में निंदा हो रही है.
अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री, राजस्थान

उन्होंने आगे कहा कि करौली में ऐसा कुछ नहीं हुआ है, यहां बीजेपी अपने एजेन्डा को आगे बढ़ा रही है. युवामोर्चा अध्यक्ष को वहां जाना चाहिए जहां बुलडोजर चले है, गरीब की झोपड़ी टूटती है.

इनपुट- पंकज सोनी

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