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कृषि मंत्री के बयान पर बोले टिकैत- ‘भीड़ जुटने से सरकार बदलती हैं’

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हाल ही में किसान आंदोलन को लेकर क्या बयान दिया था

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भारत
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किसान आंदोलन को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के एक बयान पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने पलटवार किया है.

बता दें कि हाल ही में तोमर ने कहा था, ‘‘केंद्र सरकार ने संवेदनशीलता के साथ किसान संगठनों से 12 दौर की बातचीत की है, लेकिन बातचीत का निर्णय तब होता है, जब आपत्ति बताई जाए.’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा था,‘‘ सीधा कहोगे कानून हटा दो. ऐसा नहीं होता है कि कोई भीड़ इकट्ठा हो जाए और कानून हट जाए.’’

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अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस बयान पर टिकैत ने कहा, ‘’मंत्री कहते हैं कि भीड़ जुटाने से कानून नहीं बदले जाते. इनकी बुद्धि भ्रष्ट हो गई. भीड़ जुटने से सरकार बदलती हैं.’’
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हरियाणा के सोनीपत जिले में एक किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक कि केंद्र नए कानूनों को वापस लेने की मांग नहीं मान लेता.

उन्होंने कहा, ‘’बहुत सारे सवाल हैं...केवल कृषि कानून ही नहीं, बल्कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल, सीड बिल...वे किस तरह के कानून लाना चाहते हैं. उनके मंत्री कहते हैं कि किसानों को कानून के बारे में जानकारी नहीं है. एक किसान के लिए, कानून सही हैं, अगर उसकी फसल उचित कीमत पर खरीदी जाती है.’’

किसान संगठन कृषक (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार अधिनियम 2020, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियम 2020 का विरोध कर रहे हैं.

सितंबर में बनाए गए इन तीनों कृषि कानूनों को सरकार ने कृषि क्षेत्र में एक बड़े सुधार के रूप में पेश किया है और कहा है कि इससे बिचौलिये हट जाएंगे और किसान देश में कहीं भी अपनी उपज बेच पाएंगे.

हालांकि किसान संगठनों को आशंका है कि इन कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और मंडी व्यवस्था खतरे में आ जाएगी और किसानों को बड़े औद्योगिक घरानों पर निर्भर छोड़ दिया जाएगा. मगर सरकार ने कहा है कि एमएसपी और मंडी व्यवस्था बनी रहेगी.

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