भाई-बहन का फेवरेट त्योहार रक्षाबंधन इस बार 26 अगस्त को है. सावन महीने की पूर्णिमा तिथि.
वैसे तो भाईयों की कलाई पर राखी बांधने का कोई समय अशुभ नहीं होता, लेकिन इस साल रक्षाबंधन कुछ खास है. आपको बता दें कि इस साल रक्षाबंधन पर शुभ संयोग बनने जा रहे हैं. दरअसल इस बार चार साल में पहली बार राखी के दिन भद्रा का साया नहीं रहेगा इसका मतलब एकदम साफ है कि इस साल रक्षाबंधन का त्योहार ग्रहण से मुक्त रहेगा.
राखी पर नहीं रहेगा ग्रहण का असर
रक्षाबंधन का एक खास नियम है कि भद्राकाल में राखी नहीं बांधी जाती है. एक लोक कथा से ऐसी मान्यता बन गई है कि रावण की बहन सूर्पनखा ने अपने भाई रावण को भद्रा काल के दौरान ही राखी बांधी थी, जिसके कारण रावण का संहार हुआ था. यही वजह है कि इसे शुभ मुहूर्त नहीं माना जाता और बहनें भद्रा के समय भाई को राखी नहीं बांधती हैं.
लेकिन इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा की नजर नहीं लगेगी. इस बार रक्षाबंधन में भद्रा काल सूर्योदय से पहले ही खत्म हो जाएगा.
पूजा का मुहूर्त
मुहूर्त के मुताबिक 26 अगस्त रविवार को सुबह 05.59 से शाम 5.25 तक राखी बांधने का मुहूर्त है.
कैसे करें पूजा की थाली तैयार
बहनें इस दिन पूजा के लिए पीतल की थाली में कुमकुम, हल्दी, चावल के दाने, आरती के लिए दिया और रक्षा सूत्र रखें.
विधि के मुताबिक भाईयों की कलाई पर रक्षा सूत्र यानी राखी बांधें. माथे पर तिलक लगाकर आरती उतारें. भाई बहनों को रक्षा का वचन देंगे. पूजा की विधि खत्म होने के बाद दोनों एक दूसरे का मुंह मीठा कराना न भूलें.
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