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राम मंदिर पर प्रियंका बोलीं-राम सबमें,एकता का अवसर बने भूमि पूजन

“गांधी के रघुपति राघव राजा राम सबको सम्मति देने वाले”

Published
भारत
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अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर के भूमिपूजन पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने पहली बार बयान दिया है. प्रियंका गांधी ने कहा कि भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने.

प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है. राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं. भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने’.

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गांधी के रघुपति राघव राजा राम सबको सम्मति देने वाले

प्रियंका गांधी ने महात्मा गांधी से लेकर राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त और निराला की पंक्तियों के जरिए राम की तारफि की. उन्होंने कहा,

राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त राम को ‘निर्बल का बल’ कहते हैं. तो महाप्राण निराला ‘वह एक और मन रहा राम का जो न थका’ की कालजयी पंक्तियों से भगवान राम को ‘शक्ति की मौलिक कल्पना’ कहते हैं. राम साहस हैं, राम संगम हैं, राम संयम हैं, राम सहयोगी हैं. राम सबके हैं. भगवान राम सबका कल्याण चाहते हैं. इसीलिए वे मर्यादा पुरुषोत्तम हैं.
“गांधी के रघुपति राघव राजा राम सबको सम्मति देने वाले”

कांग्रेस में राम मंदिर पर अलग-अलग राय

बता दें कि बीजेपी हमेशा से ही कांग्रेस पर राम मंदिर के रास्ते में रुकावट का आरोप लगाती रही है. हालांकि कांग्रेस पार्टी के कई बड़े नेता बाबरी मस्जिद का ताला खुलवाने और पूजा की शुरुआत का क्रेडिट देते रहे हैं.

हालांकि राम मंदिर भूमिपूजन को लेकर कांग्रेस में अलग-अलग राय है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी भूमि पूजन का समर्थन किया है, साथ ही उन्होंने लोगों को भूमि पूजन की बधाई भी दी.

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भूमि पूजन के वक्त पर सवाल खड़े किए थे, उन्होंने कहा था कि अभी शुभ मुहूर्त नहीं है ऐसे में इसे कुछ वक्त के लिए टाल देना चाहिए.

बता दें कि अयोध्या में 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे. आयोजन में भारत के लगभग 36 आध्यात्मिक परंपराओं के 135 संतों को निमंत्रण भेजा गया है.

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