इंस्टाग्राम पर एक मैसेज पोस्ट करने के बाद, दिल्ली के 22 साल के रैपर, एमसी कोड (आदित्य तिवारी) पिछले कुछ दिनों से लापता हैं. अपने आखिरी पोस्ट में उन्होंने आत्मघाती कदम उठाने की तरफ इशारा किया था. इसके बाद से उनके दोस्त लगातार उनकी तलाश कर रहे हैं. दोस्तों ने दिल्ली पुलिस को भी लिखकर आदित्य को ढूंढने के लिए कहा है.
कोड के दोस्त और फैंस कई ट्वीट्स में दिल्ली पुलिस को टैग कर उन्हें ढूंढने का अनुरोध कर रहे हैं. रैपर के दोस्तों ने क्विंट को बताया कि 4 जून को गुमशुदगी की शिकायत भी दी गई, लेकिन अब तक इसपर एफआईआर दर्ज नहीं हुई है.
गुमशुदगी से पहले, कोड ने इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा था, “मैं अपने अलावा किसी और को दोष नहीं देता. मेरे अपने अस्तित्व से छुटकारा, एक ऐसी सजा के रूप में काम करने वाली है जिसे पूरा देश चाहता था.”
कोड का ये पोस्ट लगातार मिल रही धमकियों के बाद आया था. 2016 के एक वीडियो में वो महाभारत को लेकर विवादस्पद टिप्पणी करते दिख रहे हैं, जिसके बाद वो सोशल मीडिया पर लगातार यूजर्स के निशाने पर हैं. उन्हें 'हिंदूफोबिक' बताया गया और उनके सिर पर इनाम भी रखा गया था. उन्होंने इसे लेकर माफी भी मांगी थी, बावजूद इसके नफरत बढ़ती ही जा रही थी.
उनके दोस्त शोभधन ने कहा, "वीडियो तब का है जब वो 17 साल के थे, तब उन्होंने रैप बैटल करना शुरू किया था. उन्होंने इसके लिए माफी भी मांगी है. ज्यादातर लोग उनके साथ खड़े हैं क्योंकि उन्होंने सभी की मदद की थी. पहली लहर के बाद जब लॉकडाउन खुला था तो उन्होंने नए आर्टिस्ट के लिए ओपन माइक रखा, कई लोगों के साथ काम किया और कई आर्टिस्ट्स को उनकी वजह से पहचान मिली."
कोड के किस वीडियो को लेकर है विवाद?
ये पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब कुछ इंस्टाग्राम अकाउंट्स ने उनका एक पुराना वीडियो शेयर किया. इसमें उन्होंने महाभारत को लेकर कुछ कमेंट किया था, जिससे कई लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो गईं.
संदर्भ को ध्यान में रखते हुए, इसमें ये समझना जरूरी है कि बैटल रैप आमतौर पर ऐसे स्थान होते हैं, जहां व्यक्तिगत हमले किए जाते हैं.
सोशल मीडिया पर आलोचना का शिकार होने के बाद, कोड ने 27 मई को अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा था,
“मैंने कई लोगों को नाराज किया है और उनका गुस्सा जाहिर है, और मैं अपने कामों के लिए खेद प्रकट करता हूं... अभी मेरा पता समेत मेरी सभी जानकारी लीक कर दी गई हैं, और मेरे और मेरे परिवार की मॉब लिंचिंग के लिए बड़ा मूवमेंट चल रहा है... स्थानीय गुंडों ने मेरे सिर पर इनाम भी रखा है. मुझे गहरा खेद है और मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया मुझे क्षमा करें और मुझे और मुझसे जुड़े लोगों को बख्श दें.”
आलोचनाओं के बाद कोड ने सभी प्लेटफॉर्म्स से अपना म्यूजिक हटा दिया था. इसके बावजूद उनके खिलाफ नफरत का सिलसिला नहीं रुका.
यमुना के घाटों पर दोस्त और फैंस ने की तलाश
एमसी कोड की तलाशी को लेकर एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया गया है, जिसमें 18 से 28 साल के बीच के करीब 30 लोग शामिल हैं. इस ग्रुप में हर कोई परफॉर्मिंग आर्ट्स बैकग्राउंड से नहीं हैं, ज्यादातर कोड के दोस्तों और फैंस हैं. इन सभी को उम्मीद है कि कोड जल्द ही मिल जाएंगे.
कोड के दोस्त और वॉट्सऐप ग्रुप में शामिल, 22 साल के रैपर जगतवीर* ने क्विंट को बताया, "हमने 1 जून को करीब 30 लोगों का एक ग्रुप बनाया, और कोड को मिल रही धमकियों को लेकर चर्चा कर रहे थे. कोड इस ग्रुप का हिस्सा नहीं थे, क्योंकि वो मानसिक तनाव से गुजर रहे थे. लगातार मिल रही धमकियों, उनके करीबियों को रेप की धमकी, जिस संगठन के साथ वो काम कर रहे थे, उसने कॉन्ट्रैक्ट वापस ले लिया और उनके सिर पर इनाम रखे गए, कई लोग चाहते थे कि वो मर जाएं या गिरफ्तार हो जाएं... सबसे परेशान हो कर वो अंडरग्राउंड हो गए.”
कोडे के दोस्तों के लिए लोगों की लगातार धमकियों से निपटना मुश्किल हो गया है. इस हद तक कि वो अपनी पहचान भी उजागर करना नहीं चाहते. इसलिए इस स्टोरी में सभी नामों को सुरक्षा के लिए बदला गया है.
इस ग्रुप में, लोग कानूनों पर चर्चा और रिसर्च कर रहे हैं, वो देख रहे हैं कि किसी भी हालात में क्या किया जा सकता है.
2 जून को, करीब रात 11 बजे किसी ने कोड की स्टोरी देखी और उसे ग्रुप में पोस्ट किया.
कोड की 25 साल की दोस्त शीना ने बताया, “हमने स्टोरी देखी और डर गए. हमने शांत होनी की कोशिश की, फिर उसकी स्टोरी से इशारा ले कर जल्द ही यमुना नदी पर बने सभी पुलों को गूगल किया. मैं और कई लोग तुरंत उसे ढूंढने निकल पड़े.”
दोस्तों ने स्टोरीज पोस्ट करना शुरू किया, और अलग-अलग पुलों से अपडेट दिया. एक के बाद एक अपडेट आने शुरू हुए, लेकिन किसी में भी अच्छी खबर नहीं थी.
जगतवीर ने कहा, “रात में ही सभी इलाकों को कवर कर लिया गया और कुछ जगहों पर पुलिस ने हमें आने नहीं दिया, जैसे यमुना घाट और गीता कॉलोनी के पास एक पुराना लोहे का पुल. इसलिए हम 3 जून को सुबह-सुबह वहां चले गए.”
3 जून को पूरे दिन दोस्त उन्हीं जगह पर अपने दोस्त की तलाश करते रहे.
जगतवीर ने बताया, “जब मैं रात को पुल पर तलाश कर रहा था, मैं घाटों के पास स्थित गुरुद्वारा और रैन बसेरा में भी गया. मैंने फ्लाईओवर के नीचे भी चेक किया. दूसरे लोग भी यही कर रहे हैं, कई लोग दिनभर बाहर तलाश कर रहे हैं.”
4 जून को, सभी कोशिशों के बाद, दोस्तों ने दिल्ली पुलिस को लिखना शुरू किया. जगतवीर ने कहा, “हमारा ग्रुप अभी भी एक्टिव है और हम पुलिस को लिख रहे हैं. हमने अपने सभी ट्वीट्स में दिल्ली पुलिस के हैंडल को पहले ही टैग कर दिया था, लेकिन क्योंकि हमें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, इसलिए हमने ऐसा किया. हम कार्रवाई करने के लिए पुलिस अधिकारियों को मेल कर रहे हैं. साथ ही हम अभी भी उसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं. हम उसे ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि वो जो वीडियो में दिख रहा है, वैसा नहीं है, वो उससे कहीं ज्यादा है. हम लोगों को ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि वो हमारे लिए क्या कर सकता है.”
एक दूसरी दोस्त, कावेरी* कोशिश कर रही हैं कि इस मामले में केस रजिस्टर हो जाए, ताकी पुलिस कोड की तलाश कर पाए. उन्होंने कहा, “हम उम्मीद कर रहे हैं कि हम उसे जल्द से जल्द ढूंढ लेंगे, क्योंकि हम एक ऐसे व्यक्ति को खोना नहीं चाहते हैं जिसने इस प्लेटफॉर्म को बनाने के लिए अपनी पूरी जवानी दे दी. फिलहाल, हम कोशिश कर रहे हैं कि पुलिस जल्द से जल्द उसकी तलाश करे और सोशल मीडिया पर लोगों को ये भी बताए कि कोडे वास्तव में कौन है.”
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