पंजाब नैशनल बैंक में हुए 11,400 करोड़ रुपये के जालसाजी के मामले में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक बयान जारी कर कहा है कि उसने अगस्त 2016 से लेकर तीन बार बैंकों को चेतावनी जारी की थी कि स्विफ्ट सिस्टम का संभावित दुरुपयोग हो सकता है, लिहाजा बैंक इस बारे में सचेत रहें और जरूरी कदम उठाएं. लेकिन बैंकों ने आरबीआई की चेतावनी को नजरअंदाज किया.
बैंकों के फ्रॉड रोकने के लिए आरबीआई बना रहा है कमेटी
आरबीआई ने बैंकों में हो रही जालसाजी पर शिकंजा कसने के लिए एक पैनल का गठन कर रहा है, जो जालसाजी की वजहों का पता लगाएगा और साथ ही उन्हें रोकने के उपाय भी सुझाएगा. इसके अलावा आरबीआई ने बैंकों को अपना स्विफ्ट सिस्टम मजबूत बनाने के लिए जरूरी कदमों को लागू करने का आदेश भी दिया है.
बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पीएनबी में हुए लगभग 11,400 करोड़ रुपये के जालसाजी के सामने आने के लगभग एक हफ्ते बाद यह कदम उठाया है. इस मामले के केंद्र में अरबपति कारोबारी नीरव मोदी है, जो फिलहाल देश से बाहर है.
क्या है 'स्विफ्ट'?
SWIFT का मतलब 'सोसायटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशंस' होता है. यह एक तरह का मैसेज भेजने और प्राप्त करने वाला नेटवर्क है, जिसका इस्तेमाल दुनियाभर के बैंक और फाइनेंशियल सेवाएं देने वाली दूसरी संस्थाएं करती हैं. इस नेटवर्क के माध्यम से पेमेंट बहुत तेज हो जाती है. हर बैंक को उसका एक स्विफ्ट कोड मिलता है, जिससे उसकी पहचान होती है.
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(क्विंट और बिटगिविंग ने मिलकर 8 महीने की रेप पीड़ित बच्ची के लिए एक क्राउडफंडिंग कैंपेन लॉन्च किया है. 28 जनवरी 2018 को बच्ची का रेप किया गया था. उसे हमने छुटकी नाम दिया है. जब घर में कोई नहीं था,तब 28 साल के चचेरे भाई ने ही छुटकी के साथ रेप किया. तीन सर्जरी के बाद छुटकी को एम्स से छुट्टी मिल गई है लेकिन उसे अभी और इलाज की जरूरत है ताकि वो पूरी तरह ठीक हो सके. छुटकी के माता-पिता की आमदनी काफी कम है, साथ ही उन्होंने काम पर जाना भी फिलहाल छोड़ रखा है ताकि उसकी देखभाल कर सकें. आप छुटकी के इलाज के खर्च और उसका आने वाला कल संवारने में मदद कर सकते हैं. आपकी छोटी मदद भी बड़ी समझिए. डोनेशन के लिए यहां क्लिक करें.)
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