सालों से लंबित महिला आरक्षण के मुद्दे पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने राजनीतिक दलों से जल्द फैसला लेने को कहा है. उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अनुरोध किया है कि वे संसद में विचाराधीन इस विधेयक पर जल्द से जल्द आम सहमति बनाएं. ताकि संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई (33 फीसदी) प्रतिनिधित्व मिल सके.
‘महिला आरक्षण बहुत जरूरी’
भोपाल में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा, “महिलाओं को नौकरियों और स्थानीय निकायों के चुनाव में आरक्षण दे दिया गया है. लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए संसद में प्रयास जारी हैं. उन्होंने कहा, मैं उनके लिए इस महिला आरक्षण कानून का समर्थन करता हूं.’’
उन्होंने ने कहा, सभी राजनीतिक दल एक होकर आम सहमति से जल्द से जल्द लोकसभा, राज्यसभा एवं विधानसभाओं की सीटों में भी महिलाओं को आरक्षण देने का फैसला लें. यह बहुत जरूरी है.
“अब बहुत देर हो चुका है. जल्द से जल्द इस विषय में फैसला करना चाहिए. इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए. कोई विरोध नहीं कर रहा है, फिर भी यह विधेयक आगे नहीं बढ़ रहा है. इसके बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए. इस विधेयक को पारित करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिचय देना होगा.”वेंकैया नायडू, उपराष्ट्रपति
महिला सशक्तिकरण पर जोर
महिला सशक्तिकरण को बढावा देने पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा, महिला सशक्तिकरण से नए, विकसित और गौरवशाली भारत का मार्ग प्रशस्त होगा. उन्होंने कहा, बेटा-बेटी के बीच भेदभाव नहीं होना चाहिए. परिवार की संपत्ति बंटवारे में बदलाव आना चाहिए. पैतृक संपत्ति बंटवारे में आधी संपत्ति लड़के और आधी संपत्ति लड़की को दी जानी चाहिए. इसके साथ-साथ 'बेटी बचाओ, बेटी पढाओ' अभियान पर ध्यान केन्द्रित किया जाना चाहिए.
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(इनपुटः PTI से)
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